व्यापार

SBI ने ऐवरेज मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से कमाई की जानकारी देने से किया इनकार

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी और तीसरी तिमाही में ऐवरेज मिनिमम बैलेंस नहीं रखनेवाले खाताधारकों से जुर्माने के रूप में कितने रुपये की कमाई की है, यह बताने से इनकार कर दिया। मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने जब सूचना के अधिकार के तहत पेनल्टी से प्राप्त रकम की जानकारी मांगी तो SBI ने यह कहते हुए बताने से इनकार कर दिया कि यह आरटीआई के दायरे में नहीं आता है।SBI ने ऐवरेज मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से कमाई की जानकारी देने से किया इनकार

एसबीआई ने कहा, ‘मांगी गई सूचना वाणिज्यिक विश्वास प्रकृति की है और यह सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8(1)(d) के तहत प्रकटन से मुक्त है।’ हैरत की बात यह है कि एसबीआई ने ही इसी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बिल्कुल एसी ही सूचना मांगे जाने पर न केवल जुर्माने से प्राप्त रकम बल्कि औसत न्यूनतम राशि नहीं रखनेवाले खातों की संख्या की जानकारी भी दी थी। 
5 अगस्त 2017 को दिए जवाब में देश के सबसे बड़े बैंकिंग प्रतिष्ठान ने बताया था, ’30 जून 2017 को समाप्त तिमाही के दौरान मासिक औसत शेष नहीं बनाए रखने के कारण वसूल की गई राशि 235.06 करोड़ रुपये और खातों की संख्या 388.74 लाख है।’तब एसबीआई ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6(3) का हवाला दिया था। 
बहरहाल, एसबीआई के इस दोहरे रवैये से क्षुब्ध आरटीआई कार्यकर्ता ने अब प्रथम अपीलीय प्राधिकार का दरवाजा खटखटाया है। अपने आवेदन में गौड़ ने कहा कि एक ही प्रकृति के सवाल पर दो अलग-अलग तरह के जवाब आश्चर्यजनक तो हैं ही, एसबीआई की मंशा पर भी सवाल खड़े करते हैं। 
 
 

Related Articles

Back to top button