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SBI बैंक खाताधारको के लिए है बुरी खबर

Untitled-9चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसबीआई और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के मुनाफे में जहां भारी कमी आई है, वहीं सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

एनपीए में बेतहाशा इजाफा होने से पहले से मुश्किलों का सामना कर रहे सरकारी बैंकों की स्थिति और खराब हो गई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसबीआई और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के मुनाफे में जहां भारी कमी आई है, वहीं सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
 
इस दौरान देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक एसबीआई की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) दो गुना बढऩे से उसका शुद्ध मुनाफा 77.81 प्रतिशत गिर गया। इससे बैंकिंग व्यवस्था को लेकर सरकार की चिंता और बढ़ गई है। बैंकिंग सिस्टम दुरुस्त करने के लिए आरबीआई के साथ सरकार भी लगातार प्रयासरत है। बैंकों में कैपिटल इन्फ्यूजन भी किया जा रहा है। हालांकि इन प्रयासों के अच्छे असर दिखने के बदले, उनकी हालत खराब ही होती जा रही है।
 
 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया को पहली तिमाही में 741.36 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, जबकि पिछले साल की इस अवधि में एकल आधार पर उसे 129.72 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था। पहली तिमाही में उसका सकल एनपीए 6.80 के मुकाबले बढ़कर 13.38 प्रतिशत हो गया।

सार्वजनिक क्षेत्र के ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) के एनपीए में दो गुना से अधिक वृद्धि होने के कारण वर्तमान वर्ष की पहली तिमाही में एकल आधार पर उसका शुद्ध मुनाफा 60.95 प्रतिशत गिरकर 10.69 करोड़ रुपए पर आ गया, जबकि पिछले वर्ष की उसे 257.84 करोड़ लाभ हुआ था।पिछले साल की पहली तिमाही में समग्र आधार पर एसबीआई का शुद्ध मुनाफा 4713.57 करोड़ रुपए रहा था, जो इस साल की पहली तिमाही में गिरकर 1046 करोड़ रुपए रह गया है। सकल एनपीए 4.29 प्रतिशत से बढ़कर 6.94 प्रतिशत तथा शुद्ध एनपीए 2.24 से बढ़कर 4.05 फीसदी हो गया।

सेंट्रल बैंक को 600 करोड़ का नुकसान- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एनपीए दो गुना से अधिक बढऩे कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसे एकल आधार पर 599.81 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में उसे 203.60 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ था। बैंक का एनपीए दो गुना से अधिक बढ़ गया है।

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