SC ने दिया नरोदा ग्राम पाटिया दंगे का ट्रायल 6 माह में पूरा करने का निर्देश
नई दिल्ली। गुजरात के नरोदा पाटिया दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल 6 महीने में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। गुजरात में 2002 में हुए दंगों के दौरान अहमदाबाद स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 28 फरवरी 2002 को हुए दंगे में 33 लोग घायल भी हुए थे। यह घटना 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जलाए जाने के एक दिन बाद हुई थी। विश्व हिन्दू परिषद ने 28 फरवरी, 2002 को बंद का आह्वान किया था। इसी दौरान नरोदा पटिया इलाके में उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया था।
नरोदा पाटिया कांड का मुकदमा अगस्त 2009 में शुरू हुआ और 62 आरोपियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए थे।सुनवाई के दौरान एक अभियुक्त विजय शेट्टी की मौत हो गई। अदालत ने सुनवाई के दौरान 327 लोगों के बयान दर्ज किए। इनमें पत्रकार, कई पीड़ित, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी शामिल थे।
29 अगस्त को न्यायधीश ज्योत्सना याग्निक की अध्यक्षता वाली अदालत ने भाजपा विधायक और नरेंद्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को हत्या और षड़यंत्र रचने का दोषी पाया। 32 लोगों को मामल में दोषी करार दिया गया। अदालत ने मामले में अभियुक्त बनाए गए 29 अन्य लोगों को बरी कर दिया। यह मामला गुजरात दंगों से जुड़े नौ मामलों में से एक है, जिनकी जांच एसआईटी ने की है।