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ग्रीन क्रैकर्स के नाम पर पुराने पटाखे बेचने पर SC नाराज, कहा – जीवन की कीमत पर उत्सव की इजाज़त नहीं दे सकते

ग्रीन क्रैकर्स के नाम पर पुराने पटाखे बेचने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दूसरों की ज़िन्दगी की कीमत पर हम उत्सव नहीं मना सकते है. इसकी इजाज़त नहीं दी जा सकती. जस्टिस एम आर शाह जस्टिस ए एस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि पटाखों पर बैन के हमारे पुराने आदेश पर अमल सुनिश्चित करना हर राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है. हमने पटाखों की लड़ियों पर रोक लगाई थी, पर हर उत्सव में इनका इस्तेमाल होता रहता है. आखिर ये पटाखों की लड़िया कहाँ से आती है!

बेंच ने कोर्ट के आदेश को धता बताते हुए पटाखों में प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने पर कंपनियों को फटकार भी लगाई. जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि सीबीआई रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि पटाखा निर्माताओं ने प्रतिबंधित बेरियम का इस्तेमाल किया है. जब उनकी चोरी पकड़ी गई तो उन्होंने सफाई दी कि हमने सिर्फ गोदाम में रखने के लिए इतनी तादाद में बेरियम खरीदा है, निर्माण में इस्तेमाल में नहीं. प्रतिबंधित सामग्री को यूं गोदाम में रखने की उनकी सफाई समझ से परे है. हम इसकी भी इज़ाजत नहीं देंगे. हम ये आदेश पास कर सकते है कि इस तरह का खरीदा हुआ सारा मेटीरियल ज़ब्त किया जाए.

कुछ पटाखा कंपनियों की ओर से पेश वकील राजीव दत्ता दुष्यंत दवे ने कोर्ट से आग्रह किया कि कोर्ट संतुलित रुख अपनाए. कुछ कंपनियों की ग़लती की सज़ा सब कंपनियों को नहीं मिलनी चाहिए. जस्टिस शाह ने कहा कि हम उत्सव मनाने के खिलाफ नहीं है. पर दूसरों की जान की कीमत पर हम उत्सव नहीं मना सकते . इन शोरगुल फैलाने वाले पटाखों का आखिर उत्सव से क्या वास्ता है. त्यौहार आखिर फुलझड़ी से मनाया जा सकता है. इसके लिए शोरगुल वाले पटाखों की ज़रूरत नहीं है

6 कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने पर कोर्ट करेगा विचार
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों में प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल करने वाली 6 कंपनियों को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने कहा था कि वो इन कंपनियों का लाइसेंस रद्द करने पर विचार करेंगा.सीबीआई की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि इन कंपनियों ने भारी मात्रा में बेरियम खरीदा उनका पटाखों में इस्तेमाल किया . इन कंपनियों की ओर से जवाब दाखिल किया गया है. कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा है कि वो इस मसले पर दाखिल किए लिखित जवाब की कॉपी दूसरे पक्ष को दे. अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगीं.

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