
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों की गिरफ्तारी (Arrest) पर अंतरिम रोक लगा दी है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मंगलवार को यह आदेश जारी किया. हालांकि, कोर्ट ने आरोपी अधिकारियों पर कड़ी शर्तें लगाते हुए कहा कि वे जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे.
यह मामला छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग में 2019 से 2022 के बीच हुए कथित घोटाले से जुड़ा है, जिसमें अधिकारियों, राजनेताओं और निजी ऑपरेटरों पर शराब व्यापार में हेराफेरी और अवैध कमाई के आरोप हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में आने वाले इन अधिकारियों को पहले ही अंतरिम राहत दी गई थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्थायी रूप से बरकरार रखा है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी आवश्यकता पड़ने पर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होंगे. यदि कोई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की जरूरत हो, तो जांच में सक्रिय सहयोग करेंगे. हर सुनवाई की तारीख पर ट्रायल कोर्ट के सामने हाजिर रहेंगे, अन्यथा जमानत रद्द मानी जाएगी. आरोपियों को दो सप्ताह के भीतर अपने पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करने होंगे.
इसके साथ ही जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएंगे, ताकि संपर्क में रह सकें. आरोपियों को निचली अदालत की पूर्व अनुमति के बिना छत्तीसगढ़ नहीं छोड़ेंगे. सुनवाई के दौरान एस नागमुथु, सिद्धार्थ अग्रवाल और महेश जेठमलानी ने आरोपी अधिकारियों का प्रतिनिधित्व किया, जबकि एएसजी एसडी संजय ने ईडी की ओर से पक्ष रखा.



