नईदिल्ली : राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। मामला सिंधिया के राज्य सभा नॉमिनेशन से जुड़ा हुआ है।
दरअसल, हाईकोर्ट में पिछले साल में याचिका दायर की गई थी कि राज्यसभा का नॉमिनेशन भरते समय सिंधिया ने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी छिपा ली थी। याचिकाकर्ता ने इस बाबत सिंधिया के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की थी। लेकिन हाई कोर्ट ने पिछले साल ही एक अगस्त को याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में MP हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप न करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
ग्वालियर के रहने वाले गोपीलाल भारती ने MP हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि उन्होंने आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाने के आरोप में सिंधिया के खिलाफ ग्वालियर के इंदरगंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन जब उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) की अदालत में एक आवेदन दायर किया, लेकिन इसे अदालत ने खारिज कर दिया। इसके बाद, उन्होंने धारा 156 (3) के तहत जिला न्यायाधीश, भोपाल की अदालत में एक आवेदन दायर किया, लेकिन इसे फिर से खारिज कर दिया गया। उन्होंने सेशन कोर्ट भोपाल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
वहीं, मामले में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी और अधिवक्ता यश सोनी ने दलील दी थी कि याचिका विद्वेष के कारण दायर की गई है और इसमें कोई दम नहीं है।