ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चिट्ठी में कहा गया है कि रखाइन से अपना घर छोड़कर आए हजारों रोहिंग्या मुसलमानों के लिए सरकार को एक कड़ा फैसला लेना चाहिए। इस पत्र पर 51 बड़ी हस्तियों ने अपने हस्ताक्षर करके पीएम मोदी को भेजा है। दो पन्नों के इस पत्र को ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन एम्नेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने तैयार किया है।
बता दें कि भारत सरकार का रोहिंग्या मुसलमानों का इंटर सर्विसेज (ISI) और इस्लामिक स्टेट (IS) के साथ संबंध बताए जाने और देश के लिए खतरा कहे जाने पर एक रोहिंग्या शराणार्थी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है।
हलफनामे में रोहिंग्या शरणार्थियों ने कहा कि उनके साथ भी तिब्बतियों और श्रीलंका के शरणार्थियों की तरह ही बर्ताव किया जाए। उन्होंने कहा है कि रोहिंग्या का आईएसआई और इस्लामी स्टेट जैसे किसी भी आतंकी संगठन से कोई संपर्क नहीं है। भारत में ऐसा कोई रोहिंग्या नहीं है जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि लोगों को यह समझना होगा कि रोहिंग्या का अवैध आना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहुत बड़ा खतरा है। इसलिए देश उन्हें किसी भी हालत में शरण नहीं दे सकता है। इससे पहले गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भारत में अवैध रूप से 40,000 रोहिंग्याओं को वापस भेजे जाने की बात कही थी।