चीन में तबाही का मंजर, एक दिन में साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को हुआ कोरोना!
चीन : कोरोना वायरस की नई लहर ने चीन में तांडव मचा दिया है। सभी बड़े शहर कोरोना की चपेट में हैं और लोग अस्पताल में बेड को तरस रहे हैं। अस्पतालों और क्लीनिक्स के बाहर लंबी कतारें भी दिखाई दे रही हैं। चीन सरकार पर हमेशा की तरह आंकड़ों को छिपाने के भी आरोप लग रहे हैं। सरकार की एक टॉप अथॉरिटी ने ऐसे आंकड़े पेश किए हैं, जोकि पूरी दुनिया के लिए डराने वाले हैं। अथॉरिटी ने बताया है कि हो सकता हो कि इस हफ्ते एक दिन में 37 मिलियन (तीन करोड़, 70 लाख) कोरोना से संक्रमित मामले सामने आए हों। दुनिया में यह आंकड़ा एक दिन में सर्वाधिक है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की कुल जनसंख्या का करीब 28 फीसदी यानी 248 मिलियन लोग इस महीने 20 तारीख तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। यह आंकड़े चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन की बुधवार को की गई बैठक में सामने आए हैं। इस बात की जानकारी बैठक में शामिल हुए लोगों ने दी है। अगर यह आंकड़े सही हैं तो जनवरी, 2022 में सामने आए रोजाना के 40 लाख के आंकड़े पीछे छूट गए हैं। चीन की जीरो कोविड पॉलिसी भी सवालों के घेरे में है। माना जा रहा है कि इसकी वजह से कोरोना संक्रमण नहीं फैला और लोगों में नैचुरल इम्यूनिटी नहीं बन सकी। एजेंसी के अनुमान के अनुसार, चीन के दक्षिण-पश्चिम में सिचुआन प्रांत और राजधानी बीजिंग के आधे से अधिक निवासी संक्रमित हो गए हैं।
हालांकि, चीनी की एजेंसी के पास यह आंकड़े कहां से आए, यह अब तक साफ नहीं हो सका है, क्योंकि चीन ने इस महीने की शुरुआत में पीसीआर टेस्टिंग बूथ के नेटवर्क को बंद कर दिया था। महामारी के दौरान अन्य देशों में सटीक संक्रमण दर को हासिल करना मुश्किल हो गया है। चीन में लोग अब संक्रमण का पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग कर रहे हैं। इस बीच, सरकार ने बिना लक्षण वाले मामलों की दैनिक संख्या प्रकाशित करना बंद कर दिया है। डेटा कंसल्टेंसी MetroDataTech के मुख्य अर्थशास्त्री चेन किन ने ऑनलाइन कीवर्ड्स के आधार पर आशंका जताई है कि मिड दिसंबर से मिड जनवरी के बीच इस लहर का पीक आ सकता है। मॉडल से पता चलता है कि शेन्ज़ेन, शंघाई और चोंगकिंग के शहरों में सबसे ज्यादा मामले पाए जा रहे हैं।
बैठक के मिनटों में इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया कि कितने लोग मारे गए हैं। उन्होंने एनएचसी के प्रमुख मा शियाओवेई का हवाला दिया, जिन्होंने कोविड से होने वाली मौतों की गणना करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नई बहुत संकीर्ण परिभाषा को दोहराया। यह स्वीकार करते हुए कि मृत्यु अनिवार्य रूप से हुई होगी क्योंकि वायरस तेजी से फैलता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल कोविड-प्रेरित निमोनिया से मरने वाले लोगों को मृत्यु दर के आंकड़ों में शामिल किया जाना चाहिए। वहीं, यदि 20 दिसंबर को चीन में 37 मिलियन कोरोना मामलों का आंकड़ा सही है तो फिर यह आधिकारिक आंकड़े 3,049 से बहुत अलग है, जिससे जिनपिंग सरकार पर सवाल खड़े होते हैं।