छत्तीसगढ़ के शैल कला धरोहर और ऐतिहासिक अभिलेखों को देखने पहुंचे स्कूली बच्चे
रायपुर: छत्तीसगढ़ के शैल कला धरोहर और ऐतिहासिक अभिलेखों की चित्र प्रदर्शनी महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर के आर्ट गैलरी में लगाई गई है। देश के वरिष्ठ पुरातत्त्ववेत्ता अरूण कुमार शर्मा (पद्मश्री) ने शनिवार को प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुराविद जी एल रायकवार, पुरातत्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सहित प्रदर्शनी का अवलोकन करने आए स्कूली विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
श्री शर्मा ने प्रदर्शनी को बहुत उपयोगी बताते हुए कहा कि विभाग को लोगों को अपने मूर्त अमूर्त धरोहरों से परिचित कराने ऐसे थिमेटिक प्रदर्शनियों का साल भर आयोजन करते रहना चाहिए। इस प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न जिलों से सर्वेक्षण से ज्ञात चित्रित शैलाश्रयों और शैलचित्रों की संक्षिप्त जानकारी सहित चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। वहीं विभाग के अभिलेखागार में संधारित- स्वतंत्रता दिवस की स्मृति में 15 अगस्त 1947 को रविशंकर शुक्ल (प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश और बरार) के करकमलों द्वारा वटवृक्ष का आरोपण; सन 1938 में ग्राम गुढि?ारी व फाफाडीह का रायपुर नगर पालिका में शामिल किए जाने; रायपुर फॉरेस्ट ट्रामवे के अंतर्गत ग्राम मोहदी तहसील धमतरी में क्रॉसिंग स्टेशन का शुभारंभ; रायगढ़ राजा के राजकुमारों के साथ विवाद के निपटारे और समझौते से संबंधित तथा सन 1934 में बिंद्रा नवागढ़ और जयपुर जमींदारों के बीच सीमा विवाद संबंधी ऐतिहासिक दस्तावेजों की चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन 25 नवंबर तक कार्यालयीन दिवस और समय में किया जा सकता। इस सप्ताह के दौरान स्कूली विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और चित्र प्रतियोगिता का भी आयोजन रखा गया है।