लखनऊ: आईसीएआर-सीआईएस, लखनऊ के सहयोग से उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग द्वारा प्रति बूंद अधिक फसल (सूक्ष्म सिंचाई) पर दो दिवसीय डिवीजन स्तरीय संगोष्ठी का स्थानीय सांसद कौशल किशोर ने उद्घाटन किया. इसमें डॉ.आरपी सिंह (निदेशक, बागवानी, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएस, सचिव, मंडी परिषद) और राज्य के कई अन्य अधिकारियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में 500 से अधिक किसान सम्मिलित हुए. सांसद कौशल किशोर ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई उत्तर प्रदेश में उच्च तकनीकी बागवानी का एक महत्वपूर्ण घटक बन गया है और केंद्र सरकार द्वारा राज्य बागवान उद्यान विभाग के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम में सफल किसानों के उदाहरण को पेश करने और सामान्य किसान की समस्याओं को समझने के लिए अवसर प्राप्त होता है.
आईसीएआर-सीआईएस में सूक्ष्म सिंचाई पर दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित
पहले दिन तकनीकी सत्र में आईसीएआर-सीआईएसएच के वैज्ञानिकों ने विभिन्न जिलों में भूमिगत जल के महत्व, जल संरक्षण के तरीकों और भूजल स्तर जैसे पहलुओं पर जानकारी दी. डॉ एसआर सिंह (प्रधान वैज्ञानिक) ने फर्टिगेशन के महत्व पर व्याख्यान दिया. डॉ दिनेश कुमार (प्रधान वैज्ञानिक) ने ड्रिप सिंचाई प्रणाली के विभिन्न घटकों को समझाया. डॉ वीके सिंह (प्रधान वैज्ञानिक) ने बागवानी में सूक्ष्म सिंचाई का समग्र उपयोग पर प्रकाश डाला जबकि इंजीनियर वर्मा ने सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के रखरखाव एवं मरम्मत के बारे में जानकारी दी. सूक्ष्म सिंचाई पर विभिन्न जिलों के किसानों की सफलता की कहानी प्रस्तुत की गई. वैज्ञानिकों ने ड्रिप सिंचाई से संबंधित शंकाओं का निवारण किया. वही टिप्स जाई पर प्रशिक्षण के लिए आए किसानों को सीएसएस की प्रायोगिक स्थल पर स्थापित विभिन्न प्रकार की ड्रिप इरिगेशन प्रणालियों का प्रदर्शन दिखाया गया. प्रायोगिक स्थल में सजीव प्रदर्शन देखने के पश्चात किसानों, अधिकारियों और वैज्ञानिकों के बीच में विचार-विमर्श सत्र हुआ. इस संगोष्ठी का एक विशेष महत्व है क्योंकि इस अवसर पर अधिक से अधिक किसान नई जानकारी प्राप्त करने के साथ अपनी समस्याओं की चर्चा वैज्ञानिकों एवं दूसरे किसान साथियों के साथ कर सकते हैं. इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम में ड्रिप जय पद्धति को बढ़ावा देने में सहायता की है जिसके कारण प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत प्रति बूंद अधिक फसल कार्यक्रम के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ड्रिप सिंचाई के उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.