प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एससीओ सदस्य देशों को संबोधित करते हुए कहा कि पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी पर भारत का जोर है.
इससे पहले शनिवार को पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने करीब एक महीने पहले वुहान में हुई पहली अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन पर चर्चा की. पिछले चार साल में यह दोनों नेताओं की 14वीं मुलाकात है.
इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच बाढ़ के आंकड़े उपलब्ध कराने और चावल के निर्यात के नियम सरल बनाने को लेकर समझौतों पर दस्तखत हुए.
पहले समझौते में भारतीय राजदूत गौतम बंबावाले और चीनी उप विदेश मंत्री कोंग शौनयू ने हस्ताक्षर किए. इसके बाद दूसरे समझौते में गौतम बंबावाले और चीनी के मंत्री नी यूफेंग ने दस्तखत किए.
भारत पिछले साल बना SCO का पूर्ण सदस्य
बता दें, भारत पिछले साल ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का पूर्ण सदस्य बना था. SCO के पूर्ण सदस्यों में भारत, चीन, रूस, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. अफगानिस्तान, मंगोलिया, इरान और बेलारूस पर्यवेक्षक (ऑब्जर्वर) हैं.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. इसके लिए पीएम मोदी ने एक नया मंत्र भी दिया, जिसे उन्होंने SECURE नाम दिया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए 6 कदम उठाने जरूरी हैं.
साथ ही उन्होंने आतंकवाद से पीड़ित अफगानिस्तान का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपित गनी ने शांति की तरफ जो कदम उठाए हैं, उनका क्षेत्र में सभी को सम्मान करना चाहिए.
बता दें कि पीएम मोदी शनिवार को अपने इस दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुए थे. सम्मेलन के स्वागत समारोह में आज पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. इससे पहले शनिवार को पहुंचते ही मोदी ने SCO समिट से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की थी.
इससे पहले शनिवार को पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने करीब एक महीने पहले वुहान में हुई पहली अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन पर चर्चा की. पिछले चार साल में यह दोनों नेताओं की 14वीं मुलाकात है.
इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच बाढ़ के आंकड़े उपलब्ध कराने और चावल के निर्यात के नियम सरल बनाने को लेकर समझौतों पर दस्तखत हुए.
पहले समझौते में भारतीय राजदूत गौतम बंबावाले और चीनी उप विदेश मंत्री कोंग शौनयू ने हस्ताक्षर किए. इसके बाद दूसरे समझौते में गौतम बंबावाले और चीनी के मंत्री नी यूफेंग ने दस्तखत किए.
भारत पिछले साल बना SCO का पूर्ण सदस्य
बता दें, भारत पिछले साल ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का पूर्ण सदस्य बना था. SCO के पूर्ण सदस्यों में भारत, चीन, रूस, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. अफगानिस्तान, मंगोलिया, इरान और बेलारूस पर्यवेक्षक (ऑब्जर्वर) हैं.