SCO : चिंगदाओ में PM मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता शुरू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन के चिंगदाओ पहुंच चुके हैं. फिलहाल वो एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर रहे हैं. दोनों नेता करीब एक महीने पहले वुहान में हुई अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन पर चर्चा कर सकते हैं.
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि भारत को पूर्ण सदस्य बनाए जाने के बाद आयोजित पहली बैठक में वो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर रोमांचित हैं. यहां पीएम मोदी उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. हालांकि पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी.
इंडिया टुडे को एक अधिकारी ने बताया कि इस बार भारत का फोकस शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सारे कार्यों और बैठकों में शामिल होने पर रहेगा, क्योंकि अबतक भारत सिर्फ एक ऑब्जर्वर की भूमिका निभाता आया है. गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ‘सीमित’ और ‘शिखर वार्ता’ बैठकों का भी हिस्सा बनेगा.
एससीओ शिखर वार्ता पर चार प्रमुख एजेंडे होते हैं, जिसमें राजनीतिक, सुरक्षा (आतंकवाद), आर्थिक और सांस्कृतिक शामिल हैं. भारत की मौजूदगी कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी.
मोदी शी जिनपिंग द्वारा दिए जाने वाले शाही डिनर का भी हिस्सा बनेंगे. अप्रैल में वुहान में मिलने के बाद मोदी एक बार फिर शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं. वहीं पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि वहां जुलाई में आम चुनाव होने हैं और वहां अभी केयरटेकर सरकार है. शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन शिरकत कर रहे हैं.
आतंकवाद पर फोकस
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के अनुसार इसबार आतंकवाद के मुद्दे पर ज्यादा फोकस रहेगा. इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर आतंकवाद से लड़ाई मुद्दे पर भी बात होगी. इसके साथ रवीश कुमार ने बताया कि भारत ने क्यों पाकिस्तान में संपन्न हुए शंघाई सहयोग संगठन की एक हालिया बैठक में हिस्सा लिया था. यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन के रीजनल एंटी टेररिस्ट स्ट्रक्चर(RATS) के अंतर्गत हुई थी. रवीश कुमार ने बताया कि इस बैठक में एक टेक्निकल टीम भेजी गई थी और यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम बहुपक्षीय बैठकों का हिस्सा बने, भले ही वे कहीं भी संपन्न हो रहे हों.
शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई थी. वर्तमान में इसके 8 सदस्य हैं, जिसमें भारत, चीन, पाकिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, र्किगिस्तान, कजाकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान को पिछले साल शामिल किया गया है.