SCO : जयशकंर ने पाकिस्तानी नेता शहबाज से मिलाए हाथ, भारत बात करने के पक्ष में नहीं
इस्लामाबाद : विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए इन दिनों पाकिस्तान की यात्रा पर हैं। भारत के किसी भी विदेश मंत्री की यह करीब 9 साल के बाद पहली यात्रा है। उन्होंने मंगलवार शाम को प्रतिनिधियों के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित डिनर में भाग लिया। डिनर के लिए जब जयशंकर प्रधानमंत्री के आवास पहुंचे तो शहबाज शरीफ ने उनका स्वागत किया। अपना हाथ बढ़ाया और कई सेकंड तक हाथ मिलाया। आपको बता दें कि यह दुर्लभ अवसर था जब जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से किसी पाकिस्तानी नेता से हाथ मिलाया। उन्होंने पिछले साल गोवा एससीओ बैठक में अपने तत्कालीन समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी का नमस्ते के साथ स्वागत किया था।
इस्लामाबाद में 24 घंटे के प्रवास के दौरान जयशंकर का न तो शहबाज से अलग से मिलने का कार्यक्रम है और न ही डिनर में मौजूद पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के साथ औपचारिक द्विपक्षीय बैठक करने का कोई कार्यक्रम है। डिनर के बाद पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल ने द्विपक्षीय बैठक के लिए भारत पर जिम्मेदारी डालते हुए कहा कि मेजबान के रूप में पाकिस्तान ऐसी किसी बैठक का प्रस्ताव नहीं दे सकता है। जयशंकर और शहबाज के बीच अभिवादन के आदान-प्रदान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के लिए लाहौर घोषणा को कायम रखने का समय आ गया है।
पाकिस्तान सरकार ने एससीओ बैठक के लिए जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा का एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें कहा गया कि आगे रोमांचक चर्चाएं होंगी। हालांकि जयशंकर और डार के बीच बैठक की संभावना बहुत कम है। जयशंकर की यात्रा के दौरान भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बैठक का प्रस्ताव रखने की संभावना नहीं है। इस बैठक के दौरान चीन-पाकिस्तान की जुगलबंदी साफ झलक रही है। चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के स्वागत में एलईडी लाइटें जगमगा रही हैं। सड़कों पर पाकिस्तान और चीन के झंडे लगे हुए हैं। 11 साल में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले चीनी प्रधानमंत्री ली का सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया।
जयशंकर बुधवार को सत्रों में भाग लेंगे। इस्लामाबाद में इस बात को लेकर काफी उम्मीदें हैं कि क्या उनकी यात्रा से दोनों देशों के बीच आतंकी हमलों और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के कारण संबंधों में आई खटास को दूर करते हुए एक नई शुरुआत होगी। इस महीने की शुरुआत में जयशंकर ने पाकिस्तान की अपनी यात्रा के लिए योजना बनाने की बात कहते हुए एक खिड़की खुली रखी थी। उन्होंने कहा था, “आप हर उस चीज की योजना बनाते हैं जो आप करने जा रहे हैं। बहुत सी ऐसी चीजों की भी योजना बनाते हैं जो आप नहीं करने जा रहे हैं। जो हो भी सकती हैं आप उनके लिए भी योजना बनाते हैं।” पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा, “वह पाकिस्तान के मेहमान हैं। पाकिस्तान ने उन सभी नेताओं का स्वागत किया है जिन्होंने इस सम्मेलन में भाग लेने का फैसला किया है। पाकिस्तान भारत के विदेश मंत्री सहित सभी मेहमानों के लिए अपनी पारंपरिक मेहमाननवाज़ी दिखाएगा।”
भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान जब पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान जयशंकर और पाकिस्तान के नेताओं के बीच बैठक का प्रस्ताव रखने जा रहा है तो उन्होंने कहा, “हम मेजबान हैं, हम बैठक का प्रस्ताव नहीं दे सकते। जब उंगली उठाने की बात आती है तो दोनों देशों के पास एक-दूसरे पर उंगली उठाने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद है और इसलिए मुझे लगता है कि हमें उंगली उठाने से आगे बढ़ने की जरूरत है और हमें इस क्षेत्र में रहने वाले डेढ़ अरब से अधिक लोगों के संदर्भ में सोचने की जरूरत है। सार्क निष्क्रिय है। यूरोपीय संघ निष्क्रिय नहीं है। जीसीसी निष्क्रिय नहीं है। आसियान निष्क्रिय नहीं है। सार्क में अव्यवस्था है और मैं हमेशा अपने भारतीय मित्रों से कहता हूं कि अगर भारत के पास अपने भूगोल का एक चौथाई हिस्सा होता तो कोई समस्या नहीं होती।”
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई इस बैठक का विरोध करते हैं। पाकिस्तान कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। एससीओ बैठक की पूर्व संध्या पर इस्लामाबाद को छावनी में बदल दिया गया है। सड़कों पर सुरक्षाकर्मियों की भरमार है। सभी बाजार और कार्यालय बंद हैं। सरकार ने इस्लामाबाद में तीन दिन की सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की है। आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के जवान राजधानी के ‘रेड जोन’ की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं.