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SEBI ने रेटिंग एजेंसियों से अदाणी समूह के कर्ज का मांगा ब्योरा, अब तक 78% टूटे शेयर

नई दिल्ली : हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद से अदाणी समूह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब बाजार नियामक सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से अदाणी समूह की कंपनियों की ओर से लिए गए लोकल कर्ज और सिक्योरिटीज की रेटिंग्स की जानकारी मांगी है। उधर, 25 जनवरी, 2023 से अब तक अदाणी समूह के शेयरों में 78 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रेटिंग एजेंसियों को सभी आउटस्टैंडिंग रेटिंग्स, अदाणी समूह के अधिकारियों के साथ कोई संभावित चर्चा और अपना नजरिया साझा करने का निर्देश दिया है। मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि बाजार नियामक शायद यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि अदाणी समूह की कई कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट की वजह से उसकी पूंजी की स्थिति और कर्ज भुगतान क्षमता पर कोई असर पड़ेगा या नहीं। हालांकि, इनमें अधिकांश जानकारियां पहले से ही सार्वजनिक हैं।

एक बैंकर ने बताया, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी हुए एक महीने हो चुके हैं। इसके आधार पर रेटिंग्स में बदलाव जैसी कार्रवाई का अनुमान नहीं है। ऐसे में रेटिंग एजेंसियां अदाणी की कंपनियों की रेटिंग्स में संशोधन के लिए शेयरों में आगे और गिरावट या किसी अन्य को आधार बनाएंगी।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अब तक सिर्फ एसएंडपी और मूडीज जैसी विदेशी रेटिंग एजेंसियों ने ही बाजार पूंजीकरण में गिरावट के कारण अदाणी समूह की कुछ कंपनियों के परिदृश्य को ‘स्थिर’ से ‘नकारात्मक’ किया है। वहीं, भारतीय एजेंसियों का मानना है कि अदाणी समूह अपने कुछ पूंजीगत खर्च की समीक्षा करेगा।

सीके बिरला समूह की कंपनी ओरिएंट सीमेंट ने अदाणी पावर महाराष्ट्र के साथ सौदा खत्म कर दिया है। उसका कहना है कि अदाणी समूह इस सौदे के लिए जरूरी क्लीयरेंस पाने में नाकाम रहा। कंपनी ने बताया, अदाणी पावर ने इस सौदे को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के लिए यह इस तरह का तीसरा झटका है।

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