बेमेतरा : बेमेतरा जिले के विकासखण्ड नवागढ़ के सुदूरवर्ती ग्राम अमलडीहा के महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा डेयरी, चारा विकास कार्यक्रम एवं मुर्गी पालन कर अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रहे हैं। पशुधन विकास विभाग में संचालित व्यक्तिमूलक योजना अंतर्गत बैक्यार्ड कुक्कट इकाई के 28 दिवसीय (प्रति इकाई 45 नग की दर से) 1080 नग रंगीन चूजे (24 इकाई) 28 फरवरी 2022 को वितरण किया गया था।
रोशनी स्व सहायता समूह के 04 सदस्यों द्वारा 04 ईकाई (180 नग चुजे) बैक्यार्ड कुक्कुट पालन कर 40 हजार रू. आय प्राप्त किये, शक्ति स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा 10 इकाई (450 नग चुजे) बैकयार्ड कुक्कुट पालन कर 62 हजार रू. वार्षिक आय अर्जित किये। जय बुढ़ादेव स्व. सहायता समूह के सदस्यों द्वारा 10 इकाई (450 नग चूजे) बैकयार्ड कुक्कुट पालन कर एक लाख आठ हजार रुपये वार्षिक आय अर्जित किये, सत्य कबीर स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा 01 इकाई (45 नग चूजे) बैकयार्ड पालन कर 15 हजार आय अर्जित किये। इसी प्रकार किरण स्व सहायता समूह की महिलाएं 02 इकाई (90 नग चुजे) बैकयार्ड कुक्कुट पालन कर 22 हजार रू. की वार्षिक आय अर्जित किये। अत: कुल 24 बैकयार्ड कुक्कुट इकाई से वर्तमान में 3 लाख 26 हजार तक की वार्षिक आय अर्जित कर महिलाएं शसक्त हो रहीं है।
वर्ष 2022-23 में मां शारदा स्व सहायता समूह के 03 सदस्यों को राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत 03 इकाई दुधारू पशु प्रति इकाई 02 पशु के दर से 06 गाय की स्वीकृति दी गयी है। उक्त योजना से आने वाले समय में समूह की महिलाओं की आर्थिक दशा में अवश्य ही सुधार होगा। चारागाह में नेशनल लाईव स्टॉक मिशन योजना अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाओं को एक हेक्टेयर जमीन में चारा उत्पादन के लिए (सी.पी.आर. लैण्ड में) राशि प्रदाय की गई है, जहां मक्का, हरा चारा का उत्पादन किया जा रहा है। चारागाह विकास अंतर्गत विभाग द्वारा नेपियर रूट कट् प्रदाय किया गया था, जिसमें से वर्ष 2022-23 में 1.10 लाख नेपियर रूट कट् 1.5 रुपये प्रति रूट की दर से 1.65 लाख का विक्रय किया गया। इसके अलावा चारागाह से हरा चारा गौठान में पशुओं को खिलाने के लिए उपलब्ध कराया जाता है।