*वरिष्ठ साहित्यकार कामेश्वर कुमार की गज़ल प्रस्तुति*-वीडियो
कामेश्वर कुमार “कामेश” ग़ज़ल गो शायर रांची, झारखंड के रहवासी हैं। यह झारखंड के अवकाशप्राप्त डी एस पी, रहे हैं।
शौक :
प्रशासनिक वरीय पदाधिकारी रहते हुए शायरी एवं ग़ज़ल , तहत एवं तरन्नुम में पेश करने के शौक ने शायर बना दिया।
अवैतनिक पद :
देश में अनेक साहित्यिक संस्थान के संरक्षक, अध्यक्ष, संयोजक, महासचिव एवं कार्यकारिणी के माननीय सदस्य के रूप में प्रतिष्ठित।
विधा :
(1) गीत, ग़ज़ल एवं हास्य व्यंग की रचनाएं।
(2) लगभग 6000 से भी अधिक ग़ज़लों, गीतों का सृजन।
(3) कोरोना काल में 32 रचनाओं का सृजन एवं सस्वर पाठ।
पुस्तक
(1) रूल और फूल ( ग़ज़ल संग्रह)
(2) जिंदगी @ लॉकडाऊन ( साझा ग़ज़ल संग्रह)
(3) रेत में फूल (प्रकाशनाधीन)
सम्मान
(1) मुझे “राष्ट्रीय कोरोना फाईटर्स सम्मान”, का “लाईफटाईम एचीवमेंट अवार्ड”, झारखंड विधानसभा अतिथि सभागार, धुर्वा, रांची में दिनांक 04-10-21 को आयोजित ” राष्ट्रीय सम्मान 2021″ स्थानीय विधायक श्री सी पी सिंह के हाथों प्राप्त हुआ है।
(2) पीएमओ से कोरोना योद्धा के लिए नामित।
(3) अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मान पत्र एवं प्रशस्ति पत्र।
प्रस्तुति :
(1) सैकड़ों साहित्यिक मंच से ग़ज़ल एवं गीत का सस्वर पाठ।
(2) अनेक अखिल भारतीय मुशायरों, कवि सम्मेलनों का आयोजन, संचालन तथा प्रस्तुति।
(3) विभिन्न जिलों के आकाशवाणी , दूरदर्शन, न्यूज चैनल आजतक, जी न्यूज, ई टीवी इत्यादि पर साक्षात्कार एवं प्रस्तुति, सैकड़ों एकल काव्य पाठ, दर्जनों औनलाइन मुशायरों में शिरकत।
(4) कोरोना काल के दौरान गोड्डा जिला के सैकड़ों गांव में जागरूकता अभियान चलाने हेतु स्वरचित कोरोना गीतों का सस्वर पाठ।