SGPC डिब्रूगढ़ जेल में बंद युवकों के परिजनों को मिलाने के लिए लेकर जाएगी असम
अमृतसर: पंजाब से गिरफ्तार करके आसाम के डिब्रूगढ़ स्थित जेल में भेजे गए नौजवानों को अब उनके परिवारिक सदस्य मिल पाएंगे। यह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पहल से संभव हो पाया है। इस बात को प्रकट करते हुए शिरोमणि कमेटी के सदस्य एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका ने यहां किया है। एडवोकेट स्यालका शिरोमणि कमेटी की उस कानूनी कमेटी के लीडर है, जो डिब्रूगढ़ स्थित जेल में नजरबंद नौजवानों के मामलों की जांच के लिए शिरोमणि कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिन्द्र सिंह धामी की और से गठित की गई थी।
एडवोकेट स्यालका ने कहा कि 10 अप्रैल को डिब्रगढ़ स्थित जेल में बंद नौजवानों से मुलाकात के पश्चात शिरोमणि कमेटी के प्रयासों से उनके परिवारिक सदस्यों को उनसे मुलाकात की मंजूरी मिल गई है। यह मंजूरी अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर की और से प्राप्त की गई है। उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ में नजरबंद नौजवानों में कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिन्द्र सिंह जौहल, गुरमीत सिंह बुक्कणवाला, हरजीत सिंह जल्लूपुर खैड़ा, भगवंत सिंह बाजेके, दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह, गुरइंद्रपाल सिंह औजला, पप्लप्रीत सिंह शामिल है। डिब्रूगढ़ जेल में नजरबंद नौजवानों के परिवारों को मुलाकात के लिए 19 अप्रैल को आसाम लेकर जाने की योजना है।
उन्होंने परिवारों से अपील की है कि वह मुलाकात के लिए डिब्रूगढ़ जाने के लिए 18 अप्रैल तक शिरोमणि कमेटी के मुख्य कार्यालय में अधिकारियों से सम्पर्क करें। शिरोमणि कमेटी की और से नौजवानों के परिवारिक सदस्यों को डिब्रूगढ़ लेकर जाने का पूरा प्रबंध किया जाएगा।