नई दिल्ली : सूर्य देव के पुत्र शनि देव की जयंती बहुत खास दिन होता है. यह शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भी विशेष होती है. शनि जयंती के उपाय शनि देव की नाराजगी से बचाते हैं. लिहाजा शनि जयंती के दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा करना चाहिए. साथ ही कुछ उपाय भी करने चाहिए. शनि जयंती साल में 2 बार मनाई जाती है. कुछ राज्यों में शनि जयंती वैशाख अमावस्या और कुछ राज्यों में शनि जयंती ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को मनाई जाती है. इस साल वैशाख अमावस्या 8 मई को और ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून को है. लिहाजा इन 2 दिन शनि जयंती मनाई जाएगी. शनि जयंती के दिन कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए, वरना शनि नाराज हो सकते हैं. शनि की नाराजगी आर्थिक तंगी, शारीरिक-मानसिक कष्ट, तरक्की में बाधा समेत कई समस्याएं देती है.
शनि जयंती के दिन ना करें ये गलतियां
- शनि देव की पूजा में कभी भी तांबे के बर्तन का उपयोग ना करें. तांबे का संबंध सूर्य से है और सूर्य-शनि के बीच शत्रुता है. शनि देव के पिता सूर्य देव हैं लेकिन वे परम शत्रु हैं. लिहाजा शनि देव की पूजा में तांबे के बर्तन का उपयोग करने से वे नाराज हो जाते हैं.
- शनि की दृष्टि से हमेशा बचना चाहिए. इसलिए कभी भी शनि देव की पूजा करते समय ना तो मूर्ति के ठीक सामने खड़े हों और ना ही उनकी आंखों में देखें. बल्कि थोड़ा हटकर खड़े हों.
- शनि देव की पूजा करते समय मुख पश्चिम दिशा में रखें.
- शनि जयंती के दिन नमक, लोहा, तेल ना खरीदें. यदि दान करना हो तो एक दिन पहले ही खरीदकर रख लें. शनि जयंती के दिन शनि से संबंधित चीजें घर लाने की गलती बिल्कुल ना करें. वरना जीवन मुसीबतों से भर जाएगा.
- शनि जयंती के दिन किसी पशु-पक्षी को ना सताएं. ये गलती आपके जीवन में संकट ला सकती है. वैसे तो किसी भी दिन किसी जीव को ना सताएं.
- शनि जयंती के दिन मांसाहारी भोजन करना, नशा करना आपके जीवन को कष्टों से भर सकता है. ये गलती भी ना करें.
- शनि को गरीबों का रक्षक कहा जाता है. इसलिए इस दिन असहाय लोगों, मजदूरों को ना परेशान करें. ना ही किसी से छल-कपट करें.