कुंभ राशि में इस दिन प्रवेश करेंगे शनि, इन राशियों पर शुरू होगी साढ़ेसाती व ढैय्या
नई दिल्ली : इस महीने सबसे मंद गति से चलने वाले और बेहद प्रभावी ग्रह माने जाने वाले शनि राशि परिवर्तन करेंगे। 17 जनवरी को शनि मकर राशि (Capricorn) की अपनी यात्रा को विराम देते हुए कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। मकर और कुंभ राशि शनि की स्वयं की राशि होती है। शनि 30 साल के बाद दोबारा से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार करीब एक राशि में ढाई वर्षों तक रहते हैं फिर दूसरी राशि में जाते हैं। ज्योतिष में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का विशेष महत्व होता हैं। साढेसाती के प्रभाव से जातकों को कई तरह की परेशानियां आती हैं।
शनि साल 2023 में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसके शनि 140 दिनों तक वक्री रहेंगे और 33 दिनों तक अस्त रहेंगे। शनि जैसे ही 17 जनवरी को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे वैसे ही कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और कुछ पर ढैय्या। वहीं शनि के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशि वालों पर से साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म हो जाएगा।
शनि के राशि परिवर्तन करते ही मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। वहीं धनु राशि पर से साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म हो जाएगी। इस प्रकार से 17 जनवरी 2023 के बाद पूरे साल मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का असर रहेगा। मकर राशि (Capricorn) पर साढ़ेसाती का तीसरा चरण, कुंभ राशि पर दूसरा चरण और मीन राशि पर पहला चरण शुरू होगा। साल 2023 में कुंभ और मीन राशि के जातकों पर शनि की अशुभ द्दष्टि बनी रह सकती है। कार्यो में रुकावटें और बीमारियां आ सकती है। वहीं मकर राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण चलने के कारण कार्यो में सफलताएं और तरक्की के योग बनेंगे। साढ़ेसाती के अंतिम चरण में जातकों की परेशानियां कम होती है और सफलताएं मिलती है।
17 जनवरी 2023 को शनि के राशि परिवर्तन करने से मिथुन और तुला राशि वालों पर से ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगी जिससे इन दोनों राशि के जातको का काफी राहत मिलेगी। शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। ऐसे में इनको कार्यक्षेत्र में चुनौतियां बढ़ जाएंगी। व्यापार में घाटा लग सकता है और नौकरी में बदलाव देखने को मिल सकता है।
वैदिक ज्योतिष में जिन जातकों पर शनिदोष होता है उन्हें कई तरह के उपाय बताए जाते हैं। शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हर शनिवार को शनिदेव को तेल चढ़ाएं। मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी पूजा करें। काले तिल, कंबल, काली उड़द और जूते-चप्पलों का दान करना भी शुभ होता है। इसके अलावा शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करें।