शरद पूर्णिमा आज, चन्द्रमा से बरसेगा अमृत
लखनऊ : आाश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते है। शरद पूर्णिमा को ‘कौमुदी व्रत’,‘कोजागरी पूर्णिमा’ और ‘रास पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता है इस दिन चन्द्रमा अपनी पूरी 16 कलाओं से युक्त होता है और इस दिन चन्द्रमा की चांदनी अमृत से युक्त होती है। अलीगंज के स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र के ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्टूबर रात्रि 8 बजकर 40 मिनट पर अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि समाप्त 17 अक्टूबर, सायं 4 बजकर 55 मिनट पर होगी। शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। चन्द्रोदय का समय 5 बजकर 5 मिनट रहेगा।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ‘रास लीला’ की थी इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहते है। इस दिन प्रातः स्नान करके भगवान श्रीकृष्ण या विष्णु या अपने इष्ट देव का पूजन अर्चना करना चाहिए और उपवास रखना चाहिए। इस दिन रात में गाय के दूध की खीर बनाकर उसमें घी, चीनी मिलाकर अर्ध रात्रि को भगवान को भोेग लगाकर खीर को चांदनी रात में रखना चाहिए। ऐसा करने से चन्द्रमा की किरणों से अमृत प्राप्त होता है।