Share Market Crashe: निवेशकों के लिए आज ‘ब्लैक मंडे, डूब गए करोड़ों रुपए, शेयर बाजार में बड़ी गिरावट

नई दिल्ली: आज भारतीय शेयर बाजार में एक ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली, जिसे अब तक की सबसे बड़ी गेप डाउन ओपनिंग कहा जा सकता है। बाजार ने रिकॉर्ड गिरावट के साथ खुलकर निवेशकों को बड़ा झटका दिया। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव आया।
आज भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए ‘ब्लैक मंडे’ कहा जा रहा है। प्रमुख सूचकांकों में रिकॉर्ड गिरावट आई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। निफ्टी में 1154 अंकों की गिरावट के साथ 21,750 पर कारोबार कर रहा है, जबकि सेंसेक्स 3,851 अंकों की गिरावट के साथ 71,512 के स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे ही शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे गिरकर 85.74 डॉलर पर आ गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी बाजारों में अस्थिरता, वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका और घरेलू बाजार में असमंजस की स्थिति है। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा लगातार बिकवाली और घरेलू आर्थिक संकेतक भी चिंता का कारण बने हैं।
निवेशकों के लिए क्या करें?
विशेषज्ञों ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे अपनी निवेश रणनीति पर पुनर्विचार करें और वर्तमान में लंबी अवधि के निवेश को प्राथमिकता दें। साथ ही, बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली, भारत में भी मंदी की आहट
आज दुनियाभर के शेयर बाजारों में एक बड़ी बिकवाली देखी जा रही है। अमेरिकी बाजारों में एसएंडपी 500 वायदा कारोबार 4.31 प्रतिशत गिर गया, जबकि नैस्डैक वायदा 5.45 प्रतिशत नीचे आ गया है। जापान का निक्केई इंडेक्स 7.8 प्रतिशत गिरकर 2023 के निचले स्तर पर पहुंच गया है। दक्षिण कोरिया के बाजारों में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स और ताइवानी बेंचमार्क 10 प्रतिशत तक नीचे चले गए हैं।
क्या है गिरावट की वजह?
इस भारी गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर लगाए गए भारी टैरिफ हैं। इन टैरिफ की वजह से कई देशों ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ बढ़ा दिए हैं, जिसमें चीन और कनाडा जैसे प्रमुख देशों का नाम शामिल है। इस ट्रेड वॉर के बढ़ने की आशंका ने वैश्विक महंगाई और मंदी के खतरे को बढ़ा दिया है, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ी है और निवेशक बिकवाली कर रहे हैं।