नई दिल्ली : उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के एक आरोपी को एनकाउंटर में मारा गिराया गया है. देर रात उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस के साथ चली मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई. जबकि, दूसरा आरोपी वहां से भागने में कामयाब रहा, जिसकी तलाश की जा रही है. तरसेम सिंह पंजाब और तराई में सिखों के सिरमौर माने जाते थे. उनकी हत्या की जिम्मेदारी तरन तारन के गांव मियाविंड के रहने वाले सरबजीत सिंह ने ली थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या करने वाले अमरजीत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने भगवनपुर एरिया में एनकाउंटर में मार गिराया. अमरजीत सिंह का दूसरा साथी फरार है, जिसकी तलाश में एसटीएफ और पुलिस जुटी हुई है.
हरिद्वार के एसएसपी परमिंदर डोभाल ने कहा कि एसटीएफ-पुलिस और शार्पशूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू के बीच हरिद्वार के भगवानपुर में एनकाउंटर हुआ, जिसमें मुख्य आरोपी को मार गिराया गया. अमरजीत के खिलाफ 16 से अधिक मामले दर्ज थे.
उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि तरसेम की हत्या के बाद पुलिस और एसटीएफ लगातार दोनों आरोपियों की तलाश कर रही थी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऐसे जघन्य अपराध करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी.
बीते 28 मार्च को दोनों हमलावरों ने तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उन्हें बेहद नजदीक से गोली मारी गई थी. वारदात के वक्त तरन तारण का रहने वाला सरबजीत सिंह बाइक चला रहा था, जबकि उसके पीछे अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू बैठा था. इस हत्याकांड में अमरजीत सिंह को ही मुख्य आरोपी बनाया गया था.
अमरजीत सिंह ने ही तरसेम सिंह पर गोली चलाई थी. जानकारी के मुताबिक, अमरजीत ने पहले तरसेम सिंह पर एक गोली चलाई. उसके बाद बाइक घुमाकर उन्हें दूसरी गोली मारी गई. गोली मारने के बाद दोनों वहां से फरार हो गए थे.
इसके बाद आनन-फानन में तरसेम सिंह को डेरे के सेवादार खटीमा अस्पताल लाया गया था, लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी. पंजाब, उत्तराखंड और खासकर तराई के इलाके में बाबा तरसेम सिंह सिखों का एक बड़ा चेहरा थे.
इस मामले में पुलिस ने सरबजीत सिंह और अमरजीत सिंह के अलावा श्री नानकमत्ता साहिब के प्रधान हरबंस सिंह चुघ, प्रीतम सिंह संधू निवासी खेमपुर गदरपुर और जत्थेदार बाबा अनूप सिह को भी आरोपी बनाया है.