महाराष्ट्रराज्य

विधानसभा में शिंदे ने हासिल किया बहुमत, विपक्ष की फजीहत,उद्धव को 1 और झटका

मुंबई : महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को अग्निपरीक्षा पास कर ली। उन्होंने विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास कर लिया है। एकनाथ शिंदे सरकार को 164 वोट पड़े हैं। वहीं उद्धव गुट के एक विधायक ने शिंदे के पक्ष में वोट डाला। शिवसेना विधायक संतोष बांगड़ ने शिंदे सरकार के समर्थन में वोट किया। संतोष ने सोमवार को ही उद्धव का दामन छोड़कर शिंदे गुट को ज्वाइन किया है।

इसके अलावा Peasants and Workers Party of India के श्याम सुंदर शिंदे ने भी एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में वोट किया। वहीं महाराष्ट्र विधानसभा में वोटिंग के दौरान कुछ हंगामा भी हुआ। यहां जब विधायक प्रताप सरनायक ने शिंदे सरकार के सपोर्ट में वोट किया तब उद्धव गुट ने ED-ED के नारे लगाए। विधानसभा में विपक्ष ने ध्वनिमत से बहुमत साबित करने की बात पर एतराज जताया है। जिसके बाद वोटिंग से फ्लोर टेस्ट हुआ। इसमें दोनों गुटों के विधायकों को अलग-अलग बैठाकर हेडकाउंट किया गया।

वोटिंग में पूर्व सीएम अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के 5 विधायक हिस्सा नहीं ले सके। कहा जा रहा है कि ये लोग विधानसभा में 11 बजे के तय वक्त के बाद पहुंचे और तब तक दरवाजे बंद हो चुके थे। ऐसे में उन्हें वोटिंग का मौका नहीं मिल सका। वहीं, शिवसेना के महज 15 विधायकों ने ही पार्टी की व्हिप के आधार पर सरकार के खिलाफ वोट डाला, जबकि 40 विधायकों ने शिंदे सरकार के समर्थन में मतदान किया। यही नहीं इस दौरान उद्धव ठाकरे की शिवसेना पहले से भी कमजोर नजर आई। उनके समर्थक रहे विधायक संतोष बांगड़ भी सोमवार को एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में दिखाई दिए। उनके अलावा एक और विपक्षी विधायक श्याम सुंदर शिंदे ने भी एकनाथ शिंदे सरकार को वोट दिया।

स्पीकर ने पहले ध्वनिमत से वोटिंग का प्रयास किया था, लेकिन इस पर विपक्ष ने ऐतराज जताया था। इस पर स्पीकर राहुल नार्वेकर ने दोनों पक्षों के विधायकों को सीट पर ही खड़ा कराया और फिर विधानसभा के कर्मचारियों ने उनके पास जाकर मत लिया और उसके आधार पर ही फैसला लिया। इस दौरान एक दिलचस्प नजारा भी विधानसभा में देखने को मिला।

पांच विधायकों को देर से पहुंचने की वजह से विधानसभा में एंट्री नहीं मिल सकी। वहीं समाजवादी पार्टी के अबू आसिम आजमी समेत दोनों विधायकों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। संतोष बांगर, अशोर चाव्हाण वोट डालने नहीं पहुंचे। विजय वडेट्टीवार का वोट भी नहीं पड़ा। वहीं जेल में बंद नवाब मलिक और अनिल देशमुख का वोट भी नहीं पड़ सका।

बहुमत परीक्षण में उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका तब लगा जब उद्धव खेमे के विधायक संतोष बांगर ने एकनाथ शिंदे के समर्थन में वोट दिया। संतोष का वोट शिंदे गुट में जाने से शिंदे के पास शिवसेना के 40 विधायकों का समर्थन आ गया। वहीं उद्धव ठाकरे के समर्थक विधायकों की संख्या घटकर 15 हो गई। इसके अलावा कंग्रेस, एनसीपी समेत विधायकों के कुल 99 वोट महा विकास अघाड़ी सरकार को मिले।

एक-एक सीट पर जाकर एमएलए से पूछी गई राय
महाराष्ट्र विधानसभा में वोटिंग शुरू हुई तो बहुमत के लिए हेडकाउंट की प्रक्रिया का पालन किया गया। इसके तहत एक-एक सीट पर जाकर विधायक से उसकी राय पूछी गई। हेडकाउंट पूरा होने के बाद एकनाथ शिंदे को 164 विधायकों के समर्थन का खुलासा हुआ।

बागी विधायक प्रताप सरनाइक ने जब एकनाथ शिंदे सरकार के समर्थन में मतदान किया तो उद्धव ठाकरे समर्थक शिवसेना विधायकों ने ईडी-ईडी के नारे लगाए। इससे पहले रविवार को स्पीकर के चुनाव में एकनाथ शिंदे सरकार की ओर से घोषित प्रत्याशी राहुल नार्वेकर को 164 वोट हासिल हुए थे। भाजपा के पहली बार के विधायक राहुल नार्वेकर को एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों, भाजपा और कुछ निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया था।

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