ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर पर असम सरकार की दावेदारी पर शिवसेना-NCP नाराज, कहा- प्रोजेक्ट के बाद अब भगवान छीन रही BJP
नई दिल्ली. जहां तरफ देश के छठे ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर (Jyotirlinga Bhimashankar) को लेकर असम सरकार और महाराष्ट्र (Assam-Maharashtra) के विपक्षी दलों के बीच भयंकर विवाद छिड़ गया है। वहीं अब असम सरकार ने बीते 14 फरवरी को एक विज्ञापन जारी किया, जिसमें श्रद्धालुओं और पर्यटकों को महाशिवरात्रि के पर्व पर असम आने के लिए कहा। विज्ञापन में लिखा है- असम के कामरूप में दाकिनी हिल्स (दाकिनी पर्वत शृंखला) में देश का छठा ज्योतिर्लिंग स्थित है।
वहीं इस विज्ञापन को लेकर महाराष्ट्र की NCP और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने BJP पर जमकर निशाना साधा है। इन दोनों पार्टियों ने कहा- सब जानते हैं कि छठा ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र के पुणे में है, फिर असम सरकार ने ऐसा भ्रमित करने वाला विज्ञापन क्यों जारी कर रही है? वहीं मामले पर अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने बीते बुधवार को साफतौर पर कहा कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग असम में होने से संबंधित राज्य सरकार का दावा धार्मिक इतिहास को विकृत करने का प्रयास है. अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष महेश पाठक ने मथुरा में संवाददाताओं से कहा कि, असम सरकार ने राज्य में स्थित भीमाशंकर को देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बताते हुए अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन दिया. उन्होंने कहा कि विज्ञापन के माध्यम से महाशिवरात्रि के अवसर पर असम में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करनेका आह्वान भी किया गया है.
वहीं इस मामले NCP और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कहा- अब तक तो BJP महाराष्ट्र से इंडस्ट्री और रोजगार छीन रही थी। लेकिन वे अब हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी चुराने की तैयारी कर रही है। ऐसे में पार्टियों का साफ़ इशारा 22 हजार करोड़ के टाटा-एयरबस C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट और 1.63 लाख करोड़ के वेदांता फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट को लेकर था जिसे बीते साल महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट किया गया था।
वहीं कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने आपत्ति दर्ज करर्ते हुए कहा कि, इंडस्ट्रीज को तो छोड़िए, BJP अब महाराष्ट्र से भगवान शिव को छीनना चाहती है। असम की भाजपा सरकार ने पुणे स्थित देश के छठे ज्योतिर्लिंग को असम में बता दिया है। ऐसे में हमारी मांग है कि शिंदे-फडणवीस सरकार इस मामले में अपना पक्ष रखे और BJP सरकार के इस एक्शन की निंदा करे जिसने महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों और सभी देशवासियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है।