मुंबई: क्या शिवसेना संजय राउत पर हुई ईडी की कार्रवाई पर शरद पवार की चुप्पी से नाराज है? ‘सामना’ में लिखे गए लेख को लेकर यह चर्चाएं तेज हो गई है। शिवसेना के मुखपत्र में एक तरफ कांग्रेस की तारीफ की गई है तो वहीं ममता बनर्जी की तीखी आलोचना भी की गई है। शिवसेना ने कहा कि हाल ही में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस देश भर में सड़कों पर उतरी थी, लेकिन ममता बनर्जी ने ऐसा नहीं किया। शिवसेना ने लिखा, ‘कांग्रेस हाल ही में देश भर में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे के विरोध में सड़कों पर उतरी थी। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी और ‘ईडी’ जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल के खिलाफ लड़ रही है।’
इस तरह शिवसेना ने एक तरफ कांग्रेस की तारीफ की है तो वहीं ममता बनर्जी पर हमला बोला है। शिवसेना ने लिखा, ‘यह तस्वीर बनाई गई है कि कांग्रेस सड़कों पर उतर रही है और यह आश्चर्य की बात है कि देश के अन्य विपक्षी दल इस पर ध्यान नहीं देते। ‘ईडी’ का बेजा इस्तेमाल, महंगाई, बेरोजगारी और आतंकवाद भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय है।’ शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस की ताकत कम है, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दिल्ली में सरकारी आतंक की परवाह किए बिना गांधी परिवार सड़कों पर उतर आया। यह अन्य विपक्षी दलों के लिए एक सबक है। शिवसेना ने ‘सामना’ के जरिए एक अपील भी की है कि अगर कोई सच में डर से मुक्त है तो वह यह सबक सीखे।
जब कांग्रेस आंदोलन कर रही थी तो ममता जीएसटी रिफंड मांग रही थीं
उप राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए उम्मीदवार का समर्थन नहीं करने पर शिवसेना ने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी से नाराजगी जताई है। शिवसेना ने कहा कि जब कांग्रेस दिल्ली में सड़कों पर उतरी तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शायद दिल्ली में अपने राज्य के जीएसटी रिफंड की गुहार लगा रही थीं। यही नहीं शिवसेना का कहना है कि टीएमसी ने केंद्र सरकार के आगे सरेंडर कर दिया और इसीलिए उसने उपराष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया। शिवसेना ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी का संकट चरम पर है और इसके खिलाफ कांग्रेस सड़कों पर भी उतरी थी। लेकिन सवाल यह है कि अन्य विपक्षी दल कहां हैं? उनकी भूमिका वास्तव में क्या है? यह एक रहस्य है।
शरद पवार से नाराजगी के क्यों लगने लगे कयास
अपने इस लेख में शिवसेना ने शरद पवार का जिक्र नहीं किया है, लेकिन कांग्रेस के अलावा सभी विपक्षी दलों को लताड़ने को उनसे जोड़ा जा रहा है। कहा जा रहा है कि शिवसेना शरद पवार से नाराज है। इससे पहले भी संजय राउत पर शरद पवार की चुप्पी को लेकर जब उद्धव ठाकरे से सवाल पूछा गया था तो वह भड़क गए थे। शिवसेना ने अपील की है कि ऐसे समय में विरोधियों के लिए जरूरी है कि वे सारे मतभेद भुलाकर साथ आ जाएं। ईडी का ‘आतंक’ इसलिए बनाया गया है कि विपक्ष एक साथ न आए।