मध्य प्रदेशराज्य

लोकसभा चुनाव के लिए एक्शन मोड में शिवराज, BJP की अहम बैठक में दिया जीत का मंत्र

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर में गुरुवार (11 जनवरी) को सत्ता और संगठन की अहम बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन किया गया. बैठक के दौरान नेताओं ने अपनी-अपनी राय रखी. इस दौरान पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र दिया. शिवराज ने कहा कि लोकसभा चुनाव भावनात्मक रूप से लड़ना होगा. राम मंदिर ठीक है, लेकिन विधानसभा चुनाव में लाड़ली बहनों का इम्पैक्ट पड़ा है.

लगभग तीन घंटे तक चली इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई. बीजेपी ने प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा. बैठक में तय किया गया कि मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीजेपी उन 11 हजार बूथों पर ज्यादा फोकस करेगी, जो वह लगातार तीन चुनाव में हार रही है. साथ ही यह भी तय किया गया कि एमपी में इस बार लोकसभा चुनाव में वोट शेयर 68 प्रतिशत तक बढ़ाना है. सिंगल बूथ पर भी 51 प्रतिशत से कम वोट शेयर नहीं होना चाहिए. 2019 के लोकसभा चुनाव में एमपी में बीजेपी को 58 प्रतिशत वोट मिले थे.

आयोजित बैठक में तय हुआ कि लोकसभा का प्रभार मंत्रियों को दिया जाएगा. साथ ही विधानसभा चुनाव में हारी सीटों पर प्रमुख नेता तैनात होंगे. मध्य प्रदेश से पौने दो लाख लोगों को अयोध्या ले जाया जाएगा, इसकी तैयारी बीजेपी नेता करेंगे. बैठक में यह भी तय हुआ कि बूथ विस्तारक कार्यक्रम फिर से चलेगा. वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लोकसभा चुनाव भावनात्मक रूप से लड़ना होगा. राम मंदिर ठीक विषय है, लेकिन यह भी मानना चाहिए कि विधानसभा चुनाव की जीत में लाड़ली बहना योजना का इम्पैक्ट भी था.

मध्य प्रदेश बीजेपी की लोकसभा योजना बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य डॉ. सत्यनारायण जटिया मंच पर मौजूद थे. बैठक में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री हितांनद शर्मा, केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार खटीक, फग्गन सिंह कुलस्ते, महाराष्ट्र के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया, दोनों उप मुख्यमंत्री, प्रदेश शासन के वरिष्ठ मंत्री, पूर्व मंत्री, पार्टी पदाधिकारी, मोर्चों के अध्यक्ष और अपेक्षित श्रेणी के नेतागण मौजूद रहे.

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