उत्तर प्रदेशराज्य

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने पुजारी और सेवादारों का दोगुना किया वेतन

अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि के गर्भगृह में रामलला अब विराजने ही वाले हैं. इससे पहले उनके पुजारियों और कर्मचारियों के साथ सेवादारों को बड़ा तोहफा मिला है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पुजारियों और कर्मचारियों का पारिश्रमिक वेतन लगभग दोगुना कर दिया है. बता दें कि कोर्ट के फैसले से पहले अयोध्या में स्थल पर किसी भी कार्य को करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से परमिशन लेनी पड़ती थी, लेकिन ट्रस्ट बनने के बाद व्यवस्थाएं बदल गईं थीं.

पहले रामलला के अस्थाई मंदिर में भोग राग, पूजा पाठ के साथ स्ट्रक्चर में किसी भी तरह के बदलाव के लिए अनुमति जरूरी थी. तत्कालीन फैजाबाद (अब अयोध्या) मंडल के मंडलायुक्त को सुप्रीम कोर्ट की ओर से परिसर का रिसीवर बनाया गया था.

इसी के साथ प्रशासन की तरफ से एक मजिस्ट्रेट नियुक्त था, जो मंदिर के चढ़ावे पर नजर रखता था. उसे काउंटिंग कराकर बैंक में जमा करा देता था. मंदिर के पुजारियों और कर्मचारियों का वेतन भी प्रशासन द्वारा तय किया गया था. इसमें भी किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी थी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन हुआ तो व्यवस्थाएं ट्रस्ट के पास आ गईं. मंदिर निर्माण के साथ उससे जुड़ी हर व्यवस्था और चढ़ावे के साथ खर्च का हिसाब किताब भी ट्रस्ट रखने लगा. अब राम मंदिर ट्रस्ट ने रामलला के पुजारियों और कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. नीचे विस्तार से देखें कि पहले किसका कितना वेतन था और कितना बढ़ गया है.

1-आचार्य सत्येंद्र दास मुख्य पुजारी -15520 – 25000
2- चार सहायक पुजारी , प्रत्येक का – 8940 – 20000
3- कोठारी, भंडारी- 8000- 15000
4- भृत्य – 8870 -15000

कुल- 85020 के स्थान पर अब 165,000 रुपये वेतन में खर्च होंगे.

इसी तरह रामलला की पूजा के लिए पान सप्लाई करने वाले को 1000 के स्थान पर अब 2100 रुपये मिलेंगे. दो माली हैं, दोनों को 11-11 सौ रुपये मिलते थे, अब 2100 रुपये मिलेंगे.

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का कहना है कि ट्रस्ट की तरफ से जो भी पुजारी और कर्मचारियों का पारिश्रमिक रूप से वेतन है, उसकी बढ़ोतरी कर दी गई है. इसी प्रकार से मुख्य पुजारी का 25 हजार रुपये और सहायक पुजारियों का 20 हजार रुपये और कर्मचारियों का 15 हजार रुपये कर दिया गया है. यह बहुत अच्छी बात है और प्रशंसा करने योग्य है, क्योंकि अभी तक जो मिलता था, वह बहुत कम था. अब इतना बढ़ जाने से संतुष्टि है.

उन्होंने कहा कि पहले हमको 15520 रुपये मिलते थे. सहायक पुजारियों को 8840 रुपये मिलते थे, जोकि बहुत कम थे. अब कर्मचारियों का 15 हजार रुपये हो गया है. वहीं सहायक पुजारियों का 20 हजार कर दिया गया है. उत्सव पर सामान खरीदने में जो भी खर्च होता है, उसका बिल बनता है और वह पैसा दुकानदार को पेमेंट हो जाता है.

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