अद्धयात्म

भवरोगों का इलाज करती है श्री राम कथा : पूज्या देवी महेश्वरी जी 

लखनऊ: विश्वमंगल परिवार सेवा ट्रस्ट लखनऊ के तत्वावधान में पूज्या देवी महेश्वरी जी के सानिध्य में 27 मई से दो जून तक शिव मंदिर, सीडीआरआई, नउवा खेड़ा, जानकीपुरम विस्तार, लखनऊ में श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है. सोमवार को श्री राम कथा के प्रथम दिवस में सैकड़ों की तादाद में भक्तों ने कथा का श्रवण किया. श्री राम कथा की शुरूआत श्रीरामचरित्रमानस की आरती के साथ की गई.
प्रभु श्री राम की कथा श्रद्धा और विश्वास का मिलन है
पूज्या देवी महेश्वरी जी ने श्रीराम कथा की शुरूआत करते हुए कहा कि इतिहास राजा महाराजाओं का होता है श्री राम की कथा तो नित्य नूतन है जो कभी पुरानी नहीं होती जब कभी भी आप श्री राम कथा का श्रवण करोगे तो आपको हर बार एक नए आनंद की अनुभूति होगी.  साथ ही बताया की भवरोगों का इलाज करती है श्री राम कथा और ये एक ऐसी औषधि है जिसको आप जितना श्रवण करेंगे उतनी ही बार ये आपका कल्याण करेगी. इसलिए हमें भगवान् की कथा हमेशा सुननी चाहिए क्यूंकि जब आप कथा सुनेंगे तो उसके प्रभाव से पाप आपसे दूर भाग जायेंगे.
पूज्या देवी जी ने बताया की ये आपका सौभाग्य है की हनुमान जी की कृपा आप लोगों पर है और आप कथा पंडाल में आकर श्री राम कथा का श्रवण कर रहें है. क्यूंकि भगवान की कथा सुनना बहुत ही दुर्लभ है ये आपके पिछले जन्मो के पुण्य है जिनकी बदौलत आपको कथा पंडाल में आकर कथा श्रवण कर पा रहें है. लेकिन इनमे भी कई लोग ऐसे है जो कथा पंडाल में कथा श्रवण करने तो आये है लेकिन उनका शरीर मात्र यहां है बाकी उनका दिल और दिमाग अभी भी अपने परिवार की चिंता में है.  देवी जी ने कहा की जब आपने जब कथा पंडाल में आकर कथा सुनने का मन बना लिया तभी से प्रभु श्री राम की कृपा आप पर होनी शुरू हो गई थी तो आप कथा पंडाल में निश्चित हो कर कथा का श्रवण करें क्यूंकि मेरे श्री राम के परम भक्त हनुमान जी आपके संकट हरने के लिए बैठे है उनके होते हुए आपके परिवार को कोई छति नहीं पहुँच सकती.
देवी जी ने बताया की इस जीवन में जब आप किसी धार्मिक कार्य से जुड़ना चाहते है तो आपके मध्य में कई प्रकार के लोग एवं चीजे रास्ते का रोड़ा बनकर आपके सामने आती है लेकिन आप इस जीवन में एक बात याद रखें की इस जीवन में यार दोस्त आपके रिश्तेदार कोई भी काम नहीं आने वाला है आपके मरने के बाद आपका धन आपका घर आपके ऐसो- आराम सब यही छूट जाएंगे अगर आपके साथ कुछ जाएगा तो वो है आपका धर्म, भजन, सतकर्म और आपके हांथो से किया हुआ कोई परोपकार. पूज्या देवी जी ने बताया की भगवान् की कथा तो देवताओं को भी दुर्लभ है और भगवान् शंकर स्वय श्री राम कथा के रचयिता है शंकर भगवान ने इस कथा की रचना की है और उन्हें सुख की प्राप्ति हुई है इसलिए कथा सुनने मात्र से हमारा कल्याण हो जायगा.
कथा सुनने मात्र से हमारा कल्याण होता है
पूज्या देवी जी ने बताया की सनातन धर्म के मुताबिक़ हम जब कभी भी कोई धार्मिक कार्य करते है तो हमें उस धार्मिक कार्य की शुरुआत पंच देवो की प्रार्थना से करनी चाहिए और पंच देवो में सबसे पहले नंबर आता है श्री गणेश भगवान का कथा के प्रथम दिवस पर गणेश भगवान के बारे में बताते हुए देवी जी ने कहा की भगवान  गणेश जी को आदिदेव के रूप में उनका पूजन किया जाता है, बिना गणेश भगवान की वंदना के कोई कथा या कोई भी मंगल कार्य प्रांरभ नहीं होता क्यूंकि गणेश जी विघ्नहर्ता है. गणेश जी को परिवार का मुखिया इसलिए बनाया गया है क्यूंकि उसके जो शरीर की रचना है वो कुछ इस प्रकार है जिमे किसी भी परिवार के मुखिया के अंदर वो गन होने चाहिए जैसे की गणेश जी के बड़े बड़े कान सूप की और इशारा करते है जैसे हम अपने घरो में सूप का इस्तेमाल करते है अनाज साफ़ करने के लिए और जो बाकी कूड़ा बचता है उसे भर फेंक देते है उसी प्रकार हमे सिर्फ अच्छी बातो का ही श्रवण करना चाहिए बाकी बुरी बातो को उस कूड़े की भाँती निकाल फेकना चाहिए.
उन्होंने कहा कि  भगवान गणेश जी अपने हांथो में वेद लेकर इसलिए चलते है क्यूंकि भगवान गणेश जो भी कार्य करते है वो शास्त्र और वेद के आधार पर करते है इसलिए घर के मुखिया को जो भी कार्य करने चाहिए वो ऐसे करने चाहिए की वो शास्त्र के आधार पर हो/ और भगवान गणेश जी के हाथ में पाश (रस्सी ) इसलिए है की अगर आप कभी अपने सत्मार्ग से भटको तो भगवान आपको उस रस्सी का सहारा देकर आपको सद्मार्ग पर वापस लेकर आते है. गणेश भगवान् के तीसरे हाथ में फरसा है जिसको गोस्वामी जी ने दान से परिभाषित किया है की हमें अपने जीवन में दान करना चाहिए. हम बहुत भाग्यशाली है की भगवान् ने हमें मानव जीवन दिया है और मानव जीवन में ही जन्म लेने के बाद हम दान कर सकते है और मनुष्य को ही विवेक बुद्धि मिली हुई है भगवान् का अनमोल उपहार है ये जीवन जो हमें 84 लाख योनियों को भोगने के बाद मिला है.

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