श्रीराम जन्मभूमि परिसर में प्राचीन पत्थर और कसौटी स्तम्भ नहीं हटाया जाएगा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने लिया निर्णय
अयोध्या, 23 अगस्त, दस्तक टाइम्स (अशुतोष सिंह)। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण के दौरान बड़ी मात्रा में प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। भगवान राम के जन्मस्थान के करीब मिले एक शिलापट और कसौटी के स्तम्भ को यथावत रखा गया है। जन्मस्थान से पूरब दिशा में 30 मीटर की दूरी पर स्थित यह स्थल एक टीले जैसा दिखता है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस स्थल से स्तम्भ और शिलापट को न हटाने का निर्णय लिया है।
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण के दौरान मिले अवशेष बेहद महत्वपूर्ण और हमारी प्राचीनता का प्रतीक हैं। ये अवशेष प्राचीन मंदिर के हैं। श्रद्धालु इन अवशेषों को देखकर भगवान राम के जन्मस्थान पर प्राचीन मंदिर होने के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे। इससे उन्हें राम मंदिर की प्राचीनता की स्थिति का आभास होगा। जितना महत्वपूर्ण रामलला का दर्शन है उससे कम महत्व के अवशेषों का दर्शन नहीं हैं। आचार्य ने कहा कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि रामलला के दर्शन करने के साथ श्रद्धालु प्राचीन मंदिर के अवशेषों का भी दर्शन कर सकें।
आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी इस शिलापट का जिक्र है। यह भगवान राम के जन्मस्थान होने का प्रमाण देता है। जिसके चलते शिलापट और उसके पास स्थित स्तम्भ को अब तक नहीं हटाया गया।