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‘श्याम बेनेगल की कहानी का भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव पड़ा’, PM नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध फिल्म निर्माता के निधन पर जताया शोक

मुंबई: बीते सोमवार को भारतीय सिनेमा की एक अहम शख्सियत श्याम बेनेगल का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के निधन पर शोक व्यक्त किया और बेनेगल की कहानी कहने की शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसका भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव पड़ा। एक्स पर एक पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, “श्री श्याम बेनेगल जी के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ, जिनकी कहानी कहने का भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनके कार्यों की विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा सहारना की जाती रहेगी और मेरे उनके प्रति संवेदनाएं हमेशा…उनके परिवार और प्रशंसक।”

बेनेगल के निधन पर हस्तियों और राजनेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की
दरअसल, श्याम बेनेगल ने बीते शाम 6:38 बजे मुंबई सेंट्रल के वॉकहार्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका क्रोनिक किडनी रोग का इलाज चल रहा था। उनके निधन पर देश भर की मशहूर हस्तियों, राजनेताओं और प्रशंसकों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, सभी ने एक दूरदर्शी निर्देशक के निधन पर शोक व्यक्त किया, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को नया आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय सिनेमा में यथार्थवादी फिल्म निर्माण का समानांतर युग लाने वाले प्रसिद्ध निर्देशक श्याम बेनेगल अमर रहेंगे, यह भावना व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। “फिल्म माध्यम की ताकत को पहचानकर भारतीय सिनेमा के विकास और गौरव में उनका योगदान अमूल्य है। उनके काम ने भारतीय फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। कर्नाटक कोंकणी परिवार से आने वाले दिवंगत बेनेगल ने कम उम्र में फिल्में बनाना शुरू कर दिया था।” महाराष्ट्र प्रमुख की ओर से जारी एक बयान में सीएम फडणवीस ने कहा, ”उनके पिता, जो एक फोटोग्राफर थे, द्वारा उपहार में दिया गया एक कैमरा उनके साथ था। अंकुर, द सीडलिंग, मंथन, मंडी, जुनून जैसी कई फिल्में भारतीय सिनेमा में यथार्थवादी निर्माण का युग लेकर आईं।”

बेनेगल ने एक अलग पहचान बनाई
“उन्होंने वृत्तचित्रों और विज्ञापनों के निर्माण में भी अपनी पहचान बनाई। इसमें भी उनकी लेखन शैली और प्रस्तुति अद्वितीय थी। उन्होंने समानांतर फिल्म आंदोलन को बेनेगल का स्पर्श और विचार देने का महत्वपूर्ण काम किया। आम आदमी की जिंदगी में बदलाव आया।” अपनी फिल्मों के माध्यम से पर्दे पर सादगी उनकी विशेषता नहीं थी, बल्कि कला और जीवन जीने का उनका फार्मूला था। बेनेगल ने न केवल कई गुणवत्ता वाली फिल्में बनाईं, बल्कि भारतीय फिल्म उद्योग को कई प्रसिद्ध कलाकार भी दिए।”

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