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सिद्धू हैं हार के सबसे बड़े विलेन, सोनिया गांधी के साथ बैठक में पंजाब के सांसदों ने गिनाए 4 नाम

नई दिल्ली: पंजाब में कांग्रेस के लोकसभा सांसदों ने विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा प्रदेश अध्यक्ष रहे नवजोत सिंह सिद्धू, प्रभारी हरीश चौधरी, हरीश रावत और सुनील जाखड़ पर फोड़ा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांच राज्यों के नतीजों पर मंथन के लिए बुधवार को बैठक बुलाई थी। इस दौरान पंजाब के सांसदों ने प्रदेश इकाई के काम करने के तरीके पर जमकर नाराजगी जाहिर की। पंजाब में सत्ता में रही कांग्रेस को 2022 चुनाव में महज 18 सीटें ही मिल सकी थी। सांसदों ने सोनिया गांधी को बताया कि इन चारों नने राज्य में पार्टी को ‘तबाह’ कर दिया था।

हालांकि, कहा जा रहा है कि इस दौरान वे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर चुप रहे। माना जाता है कि सिद्धू को पार्टी का पंजाब प्रमुख और चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने में कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं की अहम भूमिका रही है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि रवनीत सिंह बिट्टू, मनीष तिवारी, अमर सिंह, संतोख सिंह चौधरी और जसबीर गिल समेत सांसदों ने सोनिया से कहा कि राज्य में पार्टी की हार के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए। खबर है कि गिल ने चौधरी पर गलत उम्मीदवार चुनने के आरोप लगाए। सिद्धू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के कुछ समय बाद ही सोनिया ने सांसदों की बैठक बुलाई थी।

गिल ने कुछ दिनों पहले ट्वीट किया था, ‘हरीष चौधरी और अजय माकन को पंजाब में कांग्रेस की हार पर सफाई देनी होगी। तीन महीने पहले पंजाब में जीत तय थी, लेकिन टिकट वितरण के लिए इन दोनों की एंट्री ने राज्य में पार्टी को खराब कर दिया। इन लोगों ने जेब में नोट डाले, विपक्ष ने वोट डाले।’ खबर है कि बैठक के दौरान भी गिल ने यही आरोप दोहराए।

रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि कुछ सांसदों ने कहा कि पूर्व प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब की जमीनी हकीकत को लेकर नेतृत्व को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि सिद्धू के बयानों ने पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस दौरान उन्होंने जाखड़ के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू होने के कारण उन्हें सीएम नियुक्त नहीं किया गया।

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