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साइलेंट बीमारी है ऑस्टियोपोरोसिस, जोड़ों के दर्द से योग दिलाएगा छुटकारा

जीवनशैली : ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी बीमारी है, जो हमारी हड्डियों को खोखला करती रहती है और हमें इसका पता नहीं चलता। इसलिये इस बीमारी को साइलेट बीमारी भी कहा जाता है। इस रोग की जटिलताएं पीठ दर्द, कूल्हे और रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर के रूप में सामने आती हैं।

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इससे पहले पीड़ित बीमारी के प्रभाव को महसूस नहीं कर पाता। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होने का जोखिम ज्यादा होता है, क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोन परिवर्तन होते हैं। इसकी वजह से हड्डियों की क्षति तेजी से होने लगती है। हड्डियां कमजोर हो जाने को ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है।

इस बीमारी में व्यक्ति का बोन मास कम हो जाता है। इसमें दर्द के अलावा हड्डियों के फ्रैक्चर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। यह बीमारी धीरे-धीरे अपने पांव पसारती है। ज्य़ादा समस्या हो जाने पर इसका इलाज मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार उत्थित पार्श्वकोणासन ऐसी बीमारियों में राहत दिलाता है।

कैसे करें उत्थित पार्श्वकोणासन

पैर को 4 से 5 इंच तक खोल लें। हाथों को कंधों के सीध में ऊपर की ओर खोलें। अब धीरे-धीरे बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं हाथ को नीचे बिल्कुल पंजों के पास लाकर जमीन पर टिकाएं। इस स्थिति में आपका दांया हाथ बिल्कुल ऊपर की ओर रहेगा और नजरें दाएं हाथ पर। दो से तीन सांस तक यहां होल्ड करें फिर वापस उसी स्थिति में आ जाएं। अब यही अभ्यास दाएं ओर से दोहराएं।

पैरों, घुटनों और टखनों में खिचाव लाकर उन्हें मजबूत बनाता है। स्टैमिना बढ़ाता है। हिप्स, हैमस्ट्रिंग, कंधे, छाती और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है। कमर दर्द से राहत दिलाने के साथ ऑस्टियोपोरोसिस, साइटिका और पीरियड्स की परेशानी का भी असरदार उपाय है।

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