
नई दिल्ली: अमेरिकन प्राइवेट इक्विटी कंपनी सिल्वर लेक पार्टनर्स (Silver Lake) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जियो प्लेटफॉर्म्स में एक फीसद हिस्सेदारी खरीदी है। सिल्वर लेक ने यह हिस्सेदारी 5,655.75 करोड़ रुपये में खरीदी है। इस निवेश से जियो प्लेटफॉर्म की इक्विटी वैल्यू 4.90 लाख करोड़ और एंटरप्राइज वैल्यू 5.15 लाख करोड़ हो गई है। साथ ही यह निवेश फेसबुक द्वारा किये निवेश के इक्विटी वेल्यूूएशन के 12.5 फीसद प्रीमियम को दर्शाता है।

फेसबुक के साथ हुई डील के दो हफ्ते से भी कम समय में जियो प्लेटफॉर्म की यह दूसरी डील है। इस समझौते के तहत फेसबुक जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.9 फीसद हिस्सेदारी खरीद रही है। अर्थात वह जियो प्लेटफॉर्म्स में 43,574 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। मुकेश अंबानी अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को तय समय से पहले ही कर्ज मुक्त करना चाहते हैं। आरआईएल पर इस समय 1.61 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। मुकेश अंबानी की अपने प्रमुख कारोबारों में रणनीतिक निवेश लाकर और राइट्स इश्यू के माध्यम से कंपनी को जल्द से जल्द कर्ज मुक्त करने की योजना है।

सिल्वर लेक के साथ हिस्सेदारी पर टिप्पणी करते हुए, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक, मुकेश अंबानी ने कहा, “भारतीय डिजिटल ईको-सिस्टम के विकास के लिए, सिल्वर लेक का एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। इससे सभी भारतीयों को लाभ मिलेगा। सिल्वर लेक का वैश्विक स्तर पर अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी का उत्कृष्ट रिकॉर्ड है। सिल्वर लेक प्रौद्योगिकी और वित्त के मामले में सबसे सम्मानित संस्थाओं में से एक है। हम उत्साहित हैं कि हम सिल्वर लेक के वैश्विक संबंधों का लाभ भारतीय डिजिटल सोसाइटी में बदलाव के कर पाएंगे।”
सिल्वर लेक के सह-सीईओ और मैनेजिंग पार्टनर एगॉन डरबन ने जियो की तारीफ करते हुए कहा कि, “Jio Platforms दुनिया की सबसे उल्लेखनीय कंपनियों में से एक है, जिसका नेतृत्व एक अविश्वसनीय रूप से मजबूत और उद्यमशीलता प्रबंधन टीम कर रही है। हम Jio मिशन को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए मुकेश अंबानी और रिलायंस और Jio की टीम के साथ साझेदारी करने के लिए सम्मानित और प्रसन्न महसूस कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष ने पिछले साल अगस्त महीने में आरआईएल को कर्ज मुक्त करने के लिए मार्च 2021 का लक्ष्य तय किया था। अब ऐसा लग रहा है कि यह लक्ष्य इस साल दिसंबर तक ही पूरा हो जाएगा। हाल ही में रिलायंस ने देश के सबसे बड़े राइट्स इश्यू की भी घोषणा की है, जो कि 53,125 करोड़ का है। इसके अतिरिक्त सऊदी अरब की दिग्गज तेल कंपनी अरामको जैसी कंपनियों को शेयर बेचने जैसे प्रस्तावित सौद भी लाइन में हैं।
चौथी तिमाही के परिणाम की घोषणा करते हुए आरआईएल के ज्वाइंट चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर श्रीकांत वेंकटाचारी ने कहा था कि कंपनी को कर्ज मुक्त करने का लक्ष्य साल 2020 में ही पूरा कर लिया जाएगा।’ उनका अनुमान है कि जून तक 1.04 लाख करोड़ के पूंजी जुटा ली जाएगी।