स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले एथलीटों को खेल मंत्रालय देश का सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न देने की तैयारी कर ली है. रजत और कांस्य पदक विजेता भी सबसे बड़े खेल पुरस्कार की दौड़ में हैं. पुरस्कारों की चयन समिति शीघ्र ही खेल पुरस्कारों की घोषणा कर सकती है.
खेल मंत्रालय ने ओलंपिक और पैरालंपिक के गोल्ड विजेताओं को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न देने की तैयारी कर ली है. रजत और कांस्य पदक विजेता भी खेल रत्न की दौड़ में रहेंगे. अगर अवॉर्ड कमेटी उन्हें खेल रत्न के लिए नहीं चुनती है तो उन्हें अर्जुन अवॉर्ड दिया जा सकता है.
इस बार खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड बड़ी संख्या में देने का रिकॉर्ड टूट सकता है. वैसे इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर दावा जताने का रिकॉर्ड टूट गया है. खेल पुरस्कारों के लिए लगभग छह सौ प्लेयर्स ने दावा ठोका है. मंत्रालय कमेटी से सिफारिश कर सकता है कि स्वर्ण विजेताओं को खेल रत्न और पदक विजेताओं को अर्जुन अवॉर्ड दिया जाए.
ओलंपिक में जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने और पैरालंपिक में भाला फेंक में सुमित अंतिल, निशानेबाजी में अवनि लेखरा, बैडमिंटन में कृष्णा नागर और प्रमोद भगत ने स्वर्ण जीते हैं. नीरज और प्रमोद खेल रत्न के लिए पहले ही आवेदन कर चुके हैं. इनके अलावा दुती चंद, हिमा दास, कोनेरू हंपी, आर.अश्विन और पीआर श्रीजेश प्रमुख हैं.
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खेल रत्न के लिए 35 प्लेयर्स ने दावा ठोका है. अर्जुन के लिए 215, द्रोणाचार्य लाइफ टाइम के लिए 100 और नियमित द्रोणाचार्य के लिए 48, ध्यानचंद लाइफ टाइफ अवार्ड के लिए 138, खेल प्रोत्साहन के लिए 36 और माका ट्रॉफी के लिए पांच विश्वविद्यालयों ने आवेदन किया है. जस्टिस मुकुंदकम शर्मा की अगुवाई में खेल मंत्रालय ने 12 सदस्यीय अवॉर्ड कमेटी गठित की है.