वंदे भारत ट्रेन में स्लीपर कोच की शुरुआत, दौड़ेगी 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से
नई दिल्ली : देशभर में वंदे भारत ट्रेन का नेटवर्क बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है. अबतक देश को 8 वंदे भारत एक्सप्रेस मिल चुकी हैं. हालांकि, अभी इन वंदे भारत ट्रेनों में सिर्फ चेयर कार की व्यवस्था है लेकिन अब रेलवे वंदे भारत ट्रेन में स्लीपर कोच की शुरुआत करने का प्लान कर रहा है. स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेनों को 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाने के हिसाब से तैयार किया जा रहा है. हालांकि, एल्युमिनियम का प्रयोग कर बनाए जा रहे ये स्लीपर कोच 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगे.
बता दें, चेयर कार वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चरणबद्ध तरीके से देश में चल रहीं शताब्दी को हटाकर चलाई जाएंगी. वहीं, वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर कोच देशभर में चल रहीं राजधानी एक्सप्रेस का विकल्प बनेंगे. बता दें, रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के लिए निविदा जारी की है और इस महीने के अंत तक काम को मंजूरी मिल जाएगी. इन ट्रेनों में से कुछ ट्रेनें स्वदेश निर्मित ट्रेनों का स्लीपर संस्करण भी हो सकती हैं.
न्यूज एजेंसी की मानें तो इन ट्रेनों के निर्माण कार्य के लिए चार घरेलू कंपनियां और विदेशी कंपनियां सामने आई हैं. प्लान के मुताबिक, पहली 200 वंदे भारत ट्रेनों में शताब्दी एक्सप्रेस की तरह बैठने की व्यवस्था की जाएगी. वहीं, ये ट्रेनें 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ सकेंगी. हालांकि, रेल पटरियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन ट्रनों को 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने की अनुमति मिलेगी. चेयर कार ट्रेनों को स्टील से बनाया गया है.
वहीं, दूसरे फेज में रेलवे 200 स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेनें बनाएगा. इन ट्रेनों को बनाने के लिए एल्युमिनियम का प्रयोग किया जाएगा. स्लीपर कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ेंगी. इसके लिए दिल्ली-कोलकाता और दिल्ली-मुबंई के बीच रेलवे ट्रैक्स को रिपेयर किया जा रहा है. साथ ही, सिग्नल सिस्टम और पुलों को भी ठीक किया जा रहा है. इसके अलावा दोनों रेल मार्गों पर 1,800 करोड़ रुपये की लागत से टक्कर रोधी तकनीकी ढाल लगाई जा रही है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि अगले दो वर्षों में 400 ट्रेनें तैयार की जाएंगी.