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कोरोना से बचने के लिए पर्ची चलेगी, एक-दूसरे के कान में फुसफुसाइए मत : वेंकैया नायडू

नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि लोगों से मिलना मुझे भी पसंद है, लेकिन मौजूदा हालात में तब, जब सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाए। राज्यसभा के उप-सभापति ने सदस्यों के एक-दूसरे की सीट पर जाने से मना किया। सदन में मानसून सेशन के लिए कोरोना के मद्देनजर सिटिंग अरेंजमेंट बदला गया। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने मेंबर्स को कोरोना से बचाव के तरीकों का पालन करने को कहा है। सदन में शुक्रवार को वेंकैया ने शून्य काल के दौरान सांसदों को एक-दूसरे की सीट और टेबल ऑफिस पर जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा- जब सेशन शुरू हो जाए तो किसी भी सदस्य को टेबल ऑफिस पर नहीं जाना चाहिए। इसके साथ ही ये भी अपील करता हूं कि एक-दूसरे की सीट पर जाकर, झुककर कान में फुसफुसाइए मत। ऐसा करने से बचिए। अगर कोई बात कहनी है तो स्लिप दीजिए। पर्ची की इजाजत परीक्षा भवन में नहीं होती है, पर यहां इसकी इजाजत है।

वहीं जब एक सदस्य ने मजाकिया अंदाज में पूछा कि क्या चाय पीने के लिए जा सकते हैं, तो नायडू ने कहा कि आप अनौपचारिक तौर पर स्लिप भेज सकते हैं और इस मुद्दे पर जहां तक संभव हो सकेगा ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने सदस्यों को अपने दफ्तर में ना आने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोगों से मिलना मुझे पसंद है, लेकिन मौजूदा हालात में तब, जब सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाए। सत्र के दौरान अपर हाउस के मेंबर्स के लिए दोनों चेंबर और गैलरीज में बैठने की व्यवस्था की गई है। 1952 के बाद से भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार इस तरह की व्यवस्था की गई है। लोकसभा में सिर्फ 200 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। 30 सदस्य गैलरी में बैठ रहे हैं। लोकसभा में ही एक बड़ा स्क्रीन लगाया गया है, जिसके माध्यम से राज्यसभा में बैठे लोकसभा के सदस्य भी नजर आ रहे थे। बाकी सदस्य राज्यसभा में बैठे।

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