जालौन/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज’ के सपने को साकार करने के लिए संसाधनों के उचित उपयोग के माध्यम से ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण और समग्र विकास की दिशा में काम कर रही है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर उन्होंने ऐरी रामपुरा, जालौन में 1100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “गांधी जी का ग्राम स्वराज का सपना तभी साकार होगा जब हमारी पंचायतें ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए सशक्त होंगी। यदि सभी 58,000 ग्राम पंचायत सकारात्मक विकास-उन्मुख ²ष्टिकोण के साथ काम करती हैं, तो प्रत्येक नागरिक, प्रत्येक गांव नए भारत की समृद्धि में योगदान देगा।” मुख्यमंत्री ने गांवों को स्मार्ट गांव में बदलने पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार जमीनी स्तर पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, हर ग्राम में ऑप्टिकल फाइबर और वाई-फाई की सुविधा के लिए ग्राम सचिवालय की स्थापना की दिशा में काम कर रही है।
सभी ग्राम प्रतिनिधियों से पुरस्कार विजेता पंचायतों के समान काम करने का आग्रह करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “आज राज्य में धन की कोई कमी नहीं है और दूरदर्शिता, सकारात्मक इरादे और ²ढ़ संकल्प के साथ प्रत्येक ग्राम पंचायत को विकास के लिए प्रयास करना चाहिए।” योगी ने आगे कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘अमृत सरोवर’ (तालाब) के उत्खनन/पुनरुद्धार की कवायद ग्रामीणों को वर्षा जल के संरक्षण, इसके बेहतर प्रबंधन, उपयोग और वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करेगी।
उन्होंने कहा, “अमृत सरोवर पर्यटन स्थलों के रूप में उभरे हैं और ग्रामीणों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रमों को एक साथ मनाने के लिए एक स्थान के रूप में काम करेंगे।”
उद्घाटन की परियोजनाओं में 682.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ 39,000 पंचायत सचिवालय, 306.72 करोड़ रुपये की लागत से पंचायतों में 7,10,000 एलईडी लाइटें, 2,000 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण 90 करोड़ रुपये से किया गया और 33.60 करोड़ रुपये की लागत से 16 जिला पंचायत संसाधन केंद्र और प्रशिक्षण केंद्र (डीपीआरसी) का निर्माण किया गया।
उत्तर प्रदेश ने पंचायतों के कार्यो की निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ई-पंचायत पुरस्कार के लिए तीसरा स्थान हासिल किया था। उल्लेखनीय है कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्राम पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने के राज्य के प्रयासों की भी सराहना की गई।