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‘तो अमेरिका को अरबों डॉलर वापस करने पड़ सकते हैं’, अमेरिकी वित्त मंत्री ने ट्रंप प्रशासन की खोल दी सारी पोल

नई दिल्ली: अमेरिका की ट्रंप सरकार टैरिफ को लेकर मुश्किल में फंस गई है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने फेडरल कोर्ट का फैसला बरकरार रखा, तो अमेरिका को अरबों डॉलर वापस करने पड़ सकते हैं। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बातचीत में कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने टैरिफ को अवैध ठहराया, तो सरकार को लगभग आधे टैरिफ वापस करने होंगे। उन्होंने इसे राजकोष के लिए ‘भयानक’ बताया और कहा कि टैरिफ लौटाने की बजाय सरकार कुछ और विकल्प भी अपना सकती है। हालांकि इससे राष्ट्रपति ट्रंप की शक्ति कमजोर हो सकती है।

क्या है पूरा मामला?
ट्रंप प्रशासन ने पिछले कुछ महीनों में आक्रामक व्यापार नीतियों के तहत भारत, चीन, कनाडा और ब्राजील समेत 180 से ज्यादा देशों पर 10% से 50% तक के टैरिफ लगाए। भारत पर 7 अगस्त 2025 से 25% और 27 अगस्त से 50% टैरिफ लागू किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ अगस्त महीने में ही अमेरिका ने टैरिफ से 31 अरब डॉलर की कमाई की।

फेडरल कोर्ट का फैसला
29 अगस्त 2025 को फेडरल कोर्ट ने कहा कि ट्रंप का ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लगाना राष्ट्रपति के अधिकार से बाहर है। अदालत ने माना कि IEEPA (इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट) राष्ट्रपति को इतने बड़े पैमाने पर टैरिफ लगाने की अनुमति नहीं देता। हालांकि, इस आदेश का असर 14 अक्टूबर तक टाल दिया गया है। इस वजह से नई टैरिफ दरें सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक लागू रहेंगी।

सुप्रीम कोर्ट में अपील
ट्रंप प्रशासन ने 4 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर टैरिफ को वैध ठहराने की मांग की। सरकार चाहती है कि सुनवाई नवंबर 2025 के पहले हफ्ते में हो, लेकिन कोर्ट ने अभी तक तारीख तय नहीं की है।

नतीजा क्या हो सकता है?
अगर सुप्रीम कोर्ट ने फेडरल कोर्ट का फैसला बरकरार रखा, तो अमेरिका को टैरिफ से कमाए अरबों डॉलर लौटाने पड़ सकते हैं। यह ट्रंप प्रशासन की वैश्विक व्यापारिक रणनीति और कई देशों के साथ चल रही बातचीत को बड़ा झटका दे सकता है।

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