तो इस अंदाज में कैरोलीना मारीन कहती है अपनी सपोर्ट टीम को थैंक्स
लखनऊ। रियो ओलंपिक-2016 की स्वर्ण विजेता कैरोलीना मारीन की निगाह जापान में होने वाले टोक्यो ओलंपिक-2020 के लिए क्वालीफाई करने पर है। इसी लक्ष्य के चलते वह सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप एचएसबीसी वर्ल्ड टूअर सुपर 300 में खेलने आयी है ताकि रैंकिंग प्वाइंट जुटाकर अपनी स्थिति बेहतर कर सके। आज सेमीफाइनल में जीत के बाद तीन बार की वर्ल्ड चैंपियन कैरोलीना मारीन ने यह भी कहा कि मैं इंजरी के दौरान बैडमिंटन से दूर रही जिसका मुझे अफसोस था लेकिन मेरे पास धैयै के साथ वापसी का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
टोक्यो ओलंपिक-2020 के लिए क्वालीफाई करने पर निगाह
उस दौरान मेरा पूरा ध्यान खेल पर था। हालांकि मैं अब चोट से उबर कर पूरी तरह फिट हो चुकी हूं और अब मेरा पूरा फोकस इस बात पर है कि मै ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट खेलूं ताकि रैंकिंग प्वाइंट जुटा सकू। मारीन ने यह भी कहा कि सुपर 300 टूर्नामेंट में खेलने का फायदा यह है कि इससे रैंकिंग प्वाइंट मिलेंगे। वैसे अब मेरा लक्ष्य 2020 के ओलंपिक के लिए अपनी स्थिति में सुधार करना है ताकि मैं ज्यादा से ज्यादा रैंकिंग प्वाइंट जुटा सकूं। कैरोलीना ने आज के सेमीफाइनल में अपनी कोरियाई अपोनेंट किम गा यून के बारे में कहा कि उसने कड़ी टक्कर दी लेकिन मैने उसकी कमियों का इस्तेमाल करके जीत दर्ज की।
रैंकिंग प्वाइंट जुटाने के लिए खेलेंगी ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट
इसी के साथ कैरोलीना मारीन ने यह भी कहा कि एक खिलाड़ी जब खेलता है तो उसके पीछे एक पूरी टीम का हाथ होता है। आज अगर कैरोलीना कोर्ट में है तो इसके पीछे मेरे कोच, फिजियो व अन्य सपोर्ट स्टाफ का पूरा हाथ है। एक खिलाड़ी की सक्सेस के पीेछे टीम होती है। बताते चले कि कैरोलीना मारीन जब कोर्ट में प्वाइंट जुटाती है तो वह चिल्लाती है वी (हिन्दी में हम) जो इस बात का प्रतीक है कि कैरोलीना इस अंदाज में अपनी सपोर्ट टीम को थैंक्स कहती है।