नई दिल्ली. दिल्ली की ‘बेहद खराब’ वायु गुणवत्ता को लेकर चल रही सियासत के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान थोड़ा मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और केंद्र, राज्य सरकार, नगर निगमों और किसानों को मिलकर काम करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार चौथे दिन मंगलवार सुबह ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार सुबह करीब सवा नौ बजे 348 था। रविवार को एक्यूआई 339 था जो बढ़कर सोमवार को 354 हो गया। शनिवार को यह 381 था। 0 से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 2008 के बाद से नवंबर महीने में सबसे अधिक है।
मीडिया से बातचीत के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि, “वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण का समाधान करना हमारी प्राथमिकता है। हम दिल्ली के चारों ओर 60,000 करोड़ रुपये की सड़कें बना रहे हैं, जिससे यह इलाका ट्रैफिक जाम से मुक्त हो जाएगा। हम इलेक्ट्रिक वाहन और ग्रीन हाइड्रोजन लाए हैं।” गडकरी ने दिल्ली के प्रदूषण पर कहा कि, “दिल्ली की प्रदूषण समस्या का समाधान थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं। यदि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगर निगम और किसान मिलकर प्रयास करें तो हम समस्या का समाधान कर सकते हैं। हमें राजनीति को भूलकर इस पर मिलकर काम करना चाहिए।”
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने को लेकर गडकरी ने कहा कि, “हमारे पास 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हैं, जिनमें ज्यादातर 18-34 आयु वर्ग के लोग पीड़ित हैं। हम दुर्घटनाओं को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं फिर भी मैं संतुष्ट नहीं हूं। लोगों को शिक्षित होने की जरूरत है और हम सड़क इंजीनियरिंग और आपातकालीन सेवाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “लोगों को नियमों का पालन करना चाहिए, एक महत्वपूर्ण समस्या यह है कि किसी प्रकार के लोगों में कानून का कोई डर नहीं है। हमारा लक्ष्य 50% दुर्घटनाओं को कम करना है।”
गडकरी ने आगे कहा कि, “8 साल में सड़क निर्माण में जितना काम हुआ, वह 65 साल में नहीं हुआ। मुझे लगता है कि 2024 के अंत से पहले भारत का सड़क ढांचा अमेरिका के सड़क ढांचे के बराबर होगा। हम इसमें सफल होंगे।”