नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में एक बार फिर सोनिया गाँधी पर विश्वास जताया गया है। बैठक में फैसला लिया गया है कि सोनिया गांधी फिलहाल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। सभी नेताओं की सहमती से सोनिया गांधी के एक और साल के लिए पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने का निर्णय हो सका।
कांग्रेस में नेतृत्व संकट के बीच आज हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक काफी हंगामेदार रही। बैठक में नेतृत्व के सवाल पर जहां खुलकर बात हुई, वहीं संगठनात्मक बदलाव को लेकर सोनिया को लिखे पत्र पर तीखी नोक-झोंक भी हुई। इस दौरान राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेस के नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सोनिया जी अंतरिम अध्यक्ष नहीं बनना चाहती थीं लेकिन पार्टी के लिए उन्होंने जिम्मेदारी उठाई। ऐसे में जब वो अस्वस्थ थीं तो उस समय नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों लिखा गया? विषम परिस्थितियों में संगठनात्मक बदलाव को लेकर सवाल खड़े करना कहां तक उचित है?
हालांकि बैठक की शुरुआत में ही सोनिया गांधी ने कह दिया था कि वो अब आगे पार्टी अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहती। जिस पर कई नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने की अपील की। फिलहाल, आखिर में सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी को ही पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाने का फैसला किया।