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दक्षिण एशिया के सबसे कुख्यात आतंकी संगठन ने किया सरेंडर, हिंसा छोड़कर अब शिक्षा पर करेगा फोकस

नई दिल्ली: दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे कुख्यात सलाफी-जिहादी संगठन, जमाह इस्लामियाह (JI), जिसने 2002 के बाली बम धमाकों को अंजाम दिया था, ने हाल ही में खुद को भंग करने की घोषणा की है। संगठन के 16 वरिष्ठ नेताओं ने एक वीडियो संदेश में बताया कि वे अब हिंसा छोड़कर शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करेंगे और “इंडोनेशिया गणराज्य की गोद में वापस लौट रहे हैं।” JI के आध्यात्मिक नेता, थोरिकुद्दीन (उर्फ अबू रुसयदान) ने बताया कि संगठन अपने हथियार सरकार को सौंप चुका है और उन सदस्यों की सूची भी दी है, जो सीरिया में आतंकवादी प्रशिक्षण ले चुके हैं। इसके साथ ही, JI ने अपने 60 से अधिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में संशोधन करने की योजना बनाई है, जिसमें इंडोनेशिया के राष्ट्रीय शैक्षणिक मानकों के अनुरूप बदलाव किए जाएंगे।

संगठन के कई सदस्य मध्य पूर्व में आईएसआईएस और अन्य चरमपंथी गुटों के साथ जुड़कर प्रशिक्षण ले चुके हैं, जिसके चलते इंडोनेशियाई पुलिस ने JI के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी। JI के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी के बाद, डेंसस 88 (इंडोनेशिया की आतंकवाद-रोधी इकाई) के अधिकारियों और जेल में बंद JI के नेताओं के बीच संवाद शुरू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप इस साल संगठन को भंग करने का निर्णय लिया गया।अपनी पुरानी कट्टरपंथी सोच को त्यागते हुए, जमाह इस्लामियाह ने अब राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तरीकों से इस्लामिक समाज बनाने का लक्ष्य रखा है। JI ने हाल ही में एक फतवा जारी कर शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को “शब्दों के जरिए जिहाद” कहा है, जो उनके लिए एक नई सोच है। इसके अलावा, संगठन ने 2019 के इंडोनेशियाई राष्ट्रपति चुनावों में मतदान का समर्थन भी किया था।

विशेषज्ञों का मानना है कि JI के भंग होने से इंडोनेशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में आतंकवाद के खतरे में कमी आ सकती है। हालांकि, कुछ सदस्यों के बांग्लादेश में उभरते कट्टरपंथी संगठनों में शामिल होने का खतरा भी है। बांग्लादेश में हाल के राजनीतिक बदलाव, जिसमें शेख हसीना की धर्मनिरपेक्ष सरकार को हटाकर इस्लामी समर्थित अंतरिम सरकार स्थापित की गई है, ने वहां कट्टरपंथ को और बढ़ावा दिया है।यदि बांग्लादेश में चरमपंथी ताकतें बढ़ती हैं, तो इसका असर दक्षिण पूर्व एशिया पर भी पड़ सकता है, जिससे वहां आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।

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