10 से 12 जून तक बस्तर पहुंचेगा दक्षिण-पश्चिम मानसून
जगदलपुर: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 29 मई को केरल पंहुच गया है, जबकि मौसम विभाग ने 27 मई को पहुंचने का पूवार्नुमान जारी किया था। केरल में दस्तक देने के सप्ताहभर बाद बस्तर में प्री-मानसून की बारिश शुरू हो जाती है, ऐसे में इस साल सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 10 से 12 जून के मध्य मानसून बस्तर पहुंचेगा। बस्तर के किसान मानसून के पूवार्नुमान को देखते हुए खेती किसानी में जुट गए है।
हालांकि पिछले साल मानसून 09 जून को बस्तर पहुंच गया था, लेकिन सिस्टम नहीं बनने के कारण बस्तर में बारिश ही नहीं हुई थी। इसलिए लोगों को मॉनसून के दस्तक देने को लेकर भनक ही नहीं लगी। इस साल यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 10 जून के आस-पास मानसून बस्तर में दस्तक देगा। हालांकि इस साल बस्तर में चक्रवात, द्रोणिका व स्थानीय प्रभाव से दो-तीन दिन के अंतराल में निरंतर बारिश हो रही है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दक्षिण भारत के राज्यों को तर-बतर करने के बाद आगे बढ़ता है और छत्तीसगढ़ में बस्तर के रास्ते प्रवेश करता है। बस्तर में मॉनसून 15 जून के आसपास दस्तक देता है, इसलिए किसान इसके पहले धान की बोआई शुरू करते हैं, जिससे कि मॉनसून की पहली बारिश से धान का अंकुरण हो जावे। इस साल मानसून समय से तीन-चार दिन पहले पहुंचने की संभावना मौसम विभाग ने व्यक्त की है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद किसान जोर-शोर से खेती किसानी में जुट गए हैं और खेतों में धान बोआई कर रहे हैं। इस साल सामान्य से अच्छी बारिश होने का पूवार्नुमान मौसम विभाग ने जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एचपी. चंद्रा ने बताया, सामान्य तौर पर छत्तीसगढ़ में मानसूनी बरसात 10 जून से शुरू होती है, इसकी शुरूआत बस्तर संभाग के रास्ते से ही छत्तीसगढ़ में प्रवेश करता है।