SP-BSP गठबंधन का RLD को तीन सीटों का ऑफर, अखिलेश किसे देंगे एक सीट
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन में अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को शामिल कराए जाने को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. बुधवार को आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. खबर है कि इस मुलाकात के बाद गठबंधन की ओर से आरएलडी को 3 सीटों का ऑफर दिया गया है. इनमें से 1 सीट सपा अपने कोटे से देगी.
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी को अपने कोटे से 1 सीट का ऑफर दिया. यह सीट मथुरा, हाथरस और बुलंदशहर में से एक हो सकती है. इसके अलावा गठबंधन की ओर से आरएलडी को 2 सीटें बागपत और मुजफ्फरनगर दी जाएगी. यानि आरएलडी को 3 सीटें दी जाएंगी. इससे पहले अखिलेश से मिलने के बाद जयंत ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ और मोदी सरकार के किसान विरोधी नीति के खिलाफ गठबंधन पूरे देश में खड़ा होगा. सीट की कोई बात नहीं है सवाल रिश्ते का है. इसमें हम लोग काफी मजबूत रहेंगे.
बता दें, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा ने गठबंधन किया है. दोनों पार्टियों के नेताओं मायावती और अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 80 में 38-38 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया था. गठबंधन की ओर से रायबरेली और अमेठी सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा जाएगा. 2 सीटें सहयोगी दल के लिए छोड़ी गई थीं. माना जा रहा था कि यह 2 सीटें आरएलडी के लिए ही छोड़ी गई थीं.
चार सीटों की थी डिमांड
हालांकि, आरएलडी सूत्रों के मुताबिक, वह 4 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, गठबंधन की ओर से सिर्फ 2 सीटों का ऑफर मिलने के बाद वह खुलकर सपा-बसपा के साथ नहीं आ रही थी. आरएलडी की ओर से बागपत, मुजफ्फरनगर, मथुरा, हाथरस सीटों की डिमांड की गई थी, लेकिन गठबंधन की ओर से उसे सिर्फ बागपत और मुजफ्फरनगर सीट देने की बात की जा रही थी. गठबंधन और आरएलडी के बीच सीटों को लेकर चल रही इस रस्साकस्सी के बीच जयंत ने अखिलेश से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद अब आरएलडी को 3 सीटें देने पर विचार किया जा रहा है. 1 सीट अखिलेश सपा कोटे से देंगे.
सपा-बसपा गठबंधन का आना आरएलडी तय
गठबंधन के अलावा कांग्रेस के साथ भी आरएलडी के संपर्क में होने की खबरें आई थीं. कांग्रेस भी छोटे दलों को मिलाकर उत्तर प्रदेश में एक नए गठबंधन को बनाने की कोशिश कर रही है. इस गठबंधन में शिवपाल सिंह यादव की पार्टी के भी शामिल होने की खबर थी. जयंत के बयान के बाद अब साफ हो गया है कि आरएलडी का सपा-बसपा के गठबंधन में शामिल होना लगभग तय है.
करो या मरो की स्थिति
2014 के लोकसभा चुनाव में आरएलडी को कोई प्रत्याशी नहीं जीता था. खुद अजित सिंह और जयंत चौधरी चुनाव हार गए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का इकलौता विधायक जीता था, जो बाद में बीजेपी से जुड़ गया. कैराना लोकसभा उपचुनाव में सपा और बसपा के समर्थन से आरएलडी की प्रत्याशी जीतीं थीं.