ईरान में सरकार के खिलाफ बोलना पड़ा भारी, पहली बार 3 बुद्धिजीवी गिरफ्तार व एक को सम्मन

नई दिल्ली: ईरानी सुरक्षा बलों ने सरकार के तीन आलोचकों को गिरफ्तार कर लिया है और एक अन्य को तलब किया है तथा उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए हैं। मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी। निजी एवं सुधार-समर्थक दैनिक समाचार पत्र ‘शार्घ’ सहित ईरानी मीडिया संस्थानों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने अलग-अलग अभियानों में 61 वर्षीय पत्रकार परवेज सेदाघाट, समाजशास्त्री महसा असदुल्लाहनेजाद और अनुवादक शिरीन करीमी के घरों पर छापे मारे।
शार्घ ने कहा कि प्राधिकारियों ने 53 वर्षीय अर्थशास्त्री मोहम्मद मालजौ के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए और उन्हें सुरक्षा अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए बुलाया। उसने कहा कि सुरक्षा अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए स्वेच्छा से घर से निकलने के बाद से मालजौ के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। ऐसा बताया जाता है कि ये चारों इस्लामी गणराज्य की धर्मतंत्रीय शासन प्रणाली के वामपंथी आलोचक हैं।
हाल के वर्षों में यह पहली बार है जब वामपंथी शोधकर्ताओं को सामूहिक रूप से हिरासत में लिया गया है। बहरहाल, देश में असंतुष्टों को गिरफ्तार करने का एक लंबा इतिहास रहा है। ईरान के सरकारी और अर्ध-सरकारी मीडिया संस्थानों ने इन गिरफ्तारियों को लेकर तत्काल कोई खबर नहीं दी। मालजौ ने टेलीग्राम पर अपनी हालिया पोस्ट में लोगों से ‘‘युद्ध और अलगाव” का विरोध करने और ईरान के ‘‘अलोकतांत्रिक” धर्मतंत्र को भंग करने के लिए काम करने का आग्रह किया था।



