उत्तराखंडराज्य

चारधाम यात्रा के पहले महीने में VIP दर्शन निलंबित, भक्तों के लिए किया गया विशेष इंतजाम

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने इस साल अप्रैल से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यात्रा के पहले महीने में वीआईपी दर्शन व्यवस्था को निलंबित कर दिया गया है। इसका उद्देश्य सभी श्रद्धालुओं को समान रूप से यात्रा का अनुभव प्रदान करना है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस निर्णय का मकसद सभी भक्तों के लिए यात्रा को सुविधाजनक और सहज बनाना है। वीआईपी लोग अब सामान्य तीर्थयात्रियों की तरह ही दर्शन कर सकेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि इस कदम से समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा और सभी भक्तों को समान स्तर पर पवित्र यात्रा का अनुभव होगा।

भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े इंतजाम

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस साल तीर्थस्थलों पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीआईपी दर्शन की अनुमति पहले महीने में नहीं दी जाएगी ताकि सामान्य श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई दिक्कत न हो। पांडे ने कहा, “इस बार दर्शन के समय वीआईपी के आगमन पर आम श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन स्थिति के आधार पर फैसले लेगा और यदि जरूरत पड़ी तो वीआईपी दर्शन पर पुनर्विचार किया जा सकता है।

चार धाम यात्रा के मार्गों पर पुलिस की तैनाती

चारधाम यात्रा के मार्गों पर सुरक्षा को लेकर भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। पांडे ने बताया कि हर 10 किलोमीटर पर पुलिस और मोबाइल टीमें तैनात की जाएंगी। इसके अलावा यात्रा मार्गों पर होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे जहां श्रद्धालुओं के आराम करने और भोजन की मुफ्त व्यवस्था की जाएगी।

चारधाम यात्रा के उद्घाटन की तारीखें

उत्तराखंड पर्यटन विभाग के चार धाम यात्रा प्रभाग के संयुक्त निदेशक योगेंद्र गंगवार ने जानकारी दी कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे। इसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलेंगे।

पिछले साल से कम तीर्थयात्री

चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले कम रही। 2024 में 48,04,215 तीर्थयात्री यात्रा पर गए जबकि 2023 में यह संख्या 56,18,497 थी। यात्रा प्रभाग के अनुसार 2024 में चार धाम यात्रा को आपदाओं, भूस्खलन और बादल फटने के कारण कई व्यवधानों का सामना करना पड़ा।

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