BWF वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बने श्रीकांत
नई दिल्ली: किदांबी श्रीकांत ने शनिवार को अपने भारतीय प्रतिद्वंदी लक्ष्य सेन को हराकर बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है। वे फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। यह एक ऐतिहासिक अखिल भारतीय पुरुष सिंगल सेमीफाइनल था। यह 28 वर्षीय श्रीकांत थे, जिन्होंने एक घंटे और नौ मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले में सेन को 17-21, 21-14, 21-17 से हराया। यह न केवल भारतीय बैडमिंटन के लिए बल्कि दुनिया के 14वें नंबर के श्रीकांत के लिए भी एक बहुत बड़ा क्षण था, जिन्होंने 2017 में चार सुपर सीरीज खिताब जीतने के बाद से इस साल टोक्यो ओलंपिक को चोट के चलते मिस किया था।
पूर्व विश्व नंबर एक श्रीकांत ने अब खुद को टाइटल जीतने का एक वास्तविक मौका दिया है जबकि सेन ने पहले कांस्य को हासिल किया और भारतीय पदक के रूप में महान प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य) और बी साई प्रणीत (2019 में कांस्य) की लिस्ट में शामिल हो गए। इससे पहले भारत की पीवी सिंधु ने 2019 में दो कांस्य और प्रतिष्ठित स्वर्ण के अलावा दो रजत जीते हैं, जबकि ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी ने भी 2011 में कांस्य पदक जीता था। साथ ही, साइना नेहवाल के नाम भी इस इवेंट में एक सिल्वर और एक कांस्य है।
सबा करीम ने कहा- भारत जीतेगा सीरीज, स्कोरलाइन की भविष्यवाणी भी की सेमीफाइनल में दो भारतीय खिलाड़ियों ने कुछ रोमांचक रैलियों का सामना किया, जिसमें श्रीकांत शुरू में एक कदम आगे थे, लेकिन लक्ष्य कुछ शानदार शॉट्स के साथ 4-4 और फिर 6-6 से वापसी करने में सफल रहे। बाद में 20 वर्षीय ने श्रीकांत के वाइड के साथ 8-7 से बढ़त हासिल की, लेकिन उन्होंने जल्द ही क्रॉस-कोर्ट स्मैश के साथ बराबरी कर ली। श्रीकांत ने दो नर्वस दिखने वाले शॉट्स लगाए और इंटरवल तक लक्ष्य के पास तीन अंकों की लीड थी। बाद में दोनों ने गजब की रैलियों का प्रदर्शन किया और स्कोर 16-16 हो गया लेकिन ओपनिंग गेम लक्ष्य के खाते गया। अगला गेम भी लक्ष्य के शानदार प्रदर्शन का गवाह बना लेकिन श्रीकांत ने यहां पर अनुभव दिखाते हुए अंतिम क्षणों में गेम को बदलने में कामयाबी हासिल की। दूसरे गेम के अंत तक आते-आते लक्ष्य ने भी कुछ गलतियों को दोहराया था।
तीसरे गेम में भी दोनों एक समय 7-7 से बराबर चल रहे थे और इस दौरान 43 शॉट की एक रैली भी देखने को मिली। बाद में भी कांटे का मुकाबला चला और स्कोर 13-13 हो गया जिसके बाद श्रीकांत ने 16-15 से लीड हासिल कर ली और फिर 19-16 से लीड लेते हुए फाइनल की ओर अपने कदम मजबूती से बढ़ाने लगे। श्रीकांत यहां पर थके हुए लग रहे थे लेकिन लक्ष्य का एक शॉट तभी अपने मार्क से चूक गया और उन्होंने श्रीकांत को तीन मैच प्वाइंट दे दिए।