एसएससी भर्ती घोटाला: अदालत ने पार्थ चटर्जी को 21 सितंबर तक CBI रिमांड में भेजा
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Former Minister Partha Chatterjee) को अदालत से फिर एक झटका लगा है। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले (SSC Scam) के मामले में अलीपुर जिला अदालत ने शुक्रवार को 21 सितंबर तक केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) रिमांड में भेज दिया है। सीबीआई ने एसएससी भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को यहां अलीपुर जिला अदालत में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की हिरासत की मांग की थी।
गौरतलब है कि इस कथित घोटाले में पैसे के लेनदेन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चटर्जी और उनकी कथित निकटतम सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को गत 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इस दौरान ईडी ने अर्पिता के कोलकाता स्थित फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपये नकद, सोना-चांदी, आभूषण और संपत्ति दस्तावेज बरामद किये थे।
न्यायिक हिरासत में रखे गये पूर्व मंत्री चटर्जी को अलीपुर जिला अदालत की विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष शुक्रवार को पेश किया गया था। उन्हें जांच के सिलसिले में सीबीआई की हिरासत की मांग के मद्देनजर अदालत के निर्देश पर पेश किया गया था। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
सीबीआई ने शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की भर्ती में हुए कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में पूर्व मंत्री को पूछताछ के लिए 14-दिन की हिरासत में दिये जाने का अनुरोध किया था। हालांकि, अदालत ने चटर्जी को 21 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
चटर्जी के वकील ने विशेष न्यायाधीश से अपने मुवक्किल की उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्हें जमानत पर रिहा किये जाने का अनुरोध किया था। पूर्व मंत्री ने कहा था कि वह प्रतिदिन 28 दवाएं लेते हैं। चटर्जी ने मामले में खुद को निर्दोष करार देते हुए कहा कि वह भर्ती घोटाले के हर रोज के मामले से वाकिफ नहीं हैं।
वहीं, चटर्जी को जांच एजेंसी की हिरासत में सौंपने का अदालत से अनुरोध कर रही सीबीआई के वकील ने दलील दी कि यदि पूर्व मंत्री को अभी जमानत पर रिहा किया जाता है तो इससे एसएससी घोटाले की जांच प्रभावित होगी। सीबीआई कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर एसएससी भर्ती घोटाले की जांच कर रही है। उच्च न्यायालय इस जांच की निगरानी भी कर रही है।