भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधानसभा चुनाव के दौरान संदिग्ध आचरण वाले अफसरों की कुंडली तैयार कर रही है. कांग्रेस ने सूबे के सभी 230 उम्मीदवारों से बीजेपी (BJP) को मतदान में लाभ पहुंचाने वाले कर्मचारियों की सूची 30 नवंबर तक देने को कहा है. पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) का कहना है कि इन सबको तीन दिसंबर के बाद देखा जाएगा.
कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय से जारी पत्र में कहा गया है कि मतदान के दिन जिन अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से मतदान कराया जा रहा था, उनकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस को भेजी जाए. दरअसल, मतदान करा रहे कर्मचारी और अधिकारियों की कई ऐसी शिकायतें लीगल टीम को प्राप्त हुई थी, जो बीजेपी को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे. ऐसे समस्त लोगों की विस्तृत जानकारी 30 नवंबर तक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को भेजने का आदेश पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दिया है.
सागर जिले की रहली विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल के ऊपर कल हमला किया गया। उनकी गाड़ियों पर पथराव और तोड़फोड़ किया गया। हमलावर खुलेआम हाथ में पिस्तौल लहराते हुए दिख रहे हैं। ज्योति ने वीडियो जारी कर कहा है कि अगर उनकी हत्या हो जाती है
कांग्रेस अध्यक्ष के आदेश पर उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने सभी कांग्रेस के प्रत्याशियों को पत्र जारी किया है. विधानसभा चुनाव की वोटिंग के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने आरोप लगाया था कि चुनाव और मतदान में पुलिस और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध रही है. उन्होंने कहा कि वो अपने कार्यकर्ताओं से अफसरों के कामकाज की पूरी रिपोर्ट तैयार करा रहे हैं. चुनाव में संदिग्ध भूमिका वाले अफसरों से तीन दिसंबर के बाद निपटा जाएगा.
कमलनाथ ने भोपाल में पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगाया कि वोटिंग के दौरान दिनभर शराब और दूसरी अनैतिक गतिविधियां चलती रहीं और पुलिस-प्रशासन की भूमिका संदिग्ध रही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर सीट से रिपोर्ट तैयार करा रही है कि चुनाव में पुलिस-प्रशासन की क्या भूमिका रही? उन्होंने कहा कि कुछ कलेक्टरों की भी शिकायत हमारे पास आई हैं. कमलनाथ के आरोप हैं कि पुलिस-प्रशासन के अफसर बीजेपी सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं. इस वजह से पूरे चुनाव में जमकर धांधलेबाजी चली है.
कई जगह हिंसा, हंगामा और मारपीट की घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण लोगों को दिक्कतें भी आई हैं. पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित वरिष्ठ नेताओं और अधिवक्ताओं की टीम ने प्रदेश भर से शिकायतों को सुना और अधिकारियों से उचित कार्रवाई करने के लिए संवाद किया. इस दौरान कांग्रेस को 200 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई, जिनकी शिकायत निर्वाचन आयोग से की गई.