ज्यादा देर तक भूखे रहना न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि दिमाग के लिए भी नुकसानदेह बन सकता है। भूख परेशानी खड़ी करने के साथ-साथ लंबे समय तक बुरा असर छोड़ जाती है। पहली बार वैज्ञानिकों ने इस बात का खुलासा किया है। उनके मुताबिक, भूख की स्थिति में लगातार होने से बच्चों का मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है।
शोध में वैज्ञानिकों ने यह पाया कि मानसिक विकास अवरुद्ध होने की खास वजह भूख के दौरान दिमाग तक पर्याप्त पौष्टिक आहार का नहीं पहुंचना है। इसी वजह से दिमाग अपनी पौष्टिकता के अभाव में कमजोर पड़ता जाता है। दरअसल, इंसान सहित किसी भी प्राणी के दिमाग में ऊर्जा एक परिष्कृत स्वरूप में खर्च होती है। इंसानी दिमाग में इस परिष्कृत ऊर्जा की खपत अन्य प्राणियों के मुकाबले अधिक होती है। प्रत्येक व्यक्ति को यह ऊर्जा उसके भोजन के माध्यम से ही प्राप्त होती है।
वैज्ञानिकों ने इसकी एक-एक कड़ी को क्रमवार तरीके से जोड़ा है। कोशिका के स्तर पर हर प्राणी का विकास लगभग इसी पुष्टि पर आधारित है लेकिन यह शर्त उन बच्चों पर लागू नहीं होती, जो मां के गर्भ के बाहर प्राकृतिक परिवेश में विकसित होते हैं। बता दें, पौष्टिक आहार दिमाग को विकसित करने के लिए बेहद जरूरी होता है। इससे दिमाग में ऊर्जा एक परिष्कृत स्वरूप में खर्च होती है।
शोध में देखा गया कि जब पर्याप्त पौष्टिक आहार शरीर को नहीं मिलता तो दिमाग को शक्ति प्रदान करने वाली कोशिकाएं अपना काम करना कम कर देती हैं। काम करने की गति कम होने से दिमाग का विकास ठहरने लगता है।